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अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि- स्वर्गीय जत्थेदार सरदार सुरिंदर सिंह अरोरा (उज्जैन निवासी भोग, 24/05/25).

अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि- स्वर्गीय जत्थेदार सरदार सुरिंदर सिंह अरोरा (उज्जैन निवासी भोग, 24/05/25). संगत जी, इस नश्वर संसार की सबसे अटल और सत्य धारा है, जन्म और मृत्यु! जिस प्रकार प्रभु प्रत्येक आत्मा को एक देह के रूप में इस धरा धाम पर प्रकट करते हैं, उसी प्रकार एक नियत क्षण पर वह आत्मा उसी […]

डाॅ. रणजीत सिंह ‘अर्श’ को मिला ‘विजनरी इंडियन अवार्ड’ सम्मान

डाॅ. रणजीत सिंह ‘अर्श’ को मिला ‘विजनरी इंडियन अवार्ड’ सम्मान  (राष्ट्र निर्माण में उत्कृष्ट योगदान हेतु नई दिल्ली में भव्य सम्मान समारोह सम्पन्न) नई दिल्ली, देश की प्रगति और समाज निर्माण में अतुलनीय योगदान देने वाले श्रेष्ठ व्यक्तित्वों को समर्पित ‘विजनरी इंडियन अवार्ड्स’ का आयोजन राजधानी के प्रतिष्ठित आकाशवाणी भवन में दिनांक 18 मई 2025

सिखों की पारंपरिक युद्ध-कला : गतका (शोध पत्र)

सिखों की पारंपरिक युद्ध-कला : गतका (शोध पत्र) असि क्रिपान खंडों खड़ग तुपक तबर अरु तीर‌॥ सैफ सरोही सैहथी यहै हमारे पीर॥ (ससत्र नाम माला) ‘गुरु पंथ खालसा’ की धार्मिक युद्ध-कला ‘गतका’ की समस्त विश्व में एक विशिष्ट पहचान है। इस कला ने युद्ध-कौशल के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं,

शहीदों के सरताज: श्री गुरु अर्जुन देव साहिब जी की जीवन-गाथा (शोध पत्र)

शहीदों के सरताज: श्री गुरु अर्जुन देव साहिब जी की जीवन-गाथा (शोध पत्र) भूमिका ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की ज्योति, सिख धर्म में शहादत की परंपरा की नींव रखने वाले प्रथम शहीद, शहीदों के सरताज, महान शांति के पुंज, गुरबाणी के बोहिथा (ज्ञाता/सागर), सिख धर्म के पांचवें गुरु ‘श्री गुरु अर्जुन देव साहिब

श्री गुरु नानक देव साहिब जी और उनकी चार उदासी यात्राएँ

श्री गुरु नानक देव साहिब जी और उनकी चार उदासी यात्राएँ सारांश (Abstract):यह शोध-पत्र सिख धर्म के संस्थापक एवं प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव साहिब जी द्वारा जीवनकाल में की गई चार उदासी यात्राओं पर केंद्रित है। इन यात्राओं ने धार्मिक पुनर्जागरण का सूत्रपात किया और समाज में व्याप्त अंधविश्वास, जातिवाद तथा पाखंड के

सेवानिवृत्ति पर विशेष: (उज्जैन निवासी मित्र उमेश कुलकर्णी को समर्पित) 

सेवानिवृत्ति पर विशेष:  (उज्जैन निवासी मित्र उमेश कुलकर्णी को समर्पित)  मित्रता वह अनुपम बंधन है, जिसे शब्दों में बाँध पाना असंभव है। इसमें न आदान–प्रदान का कोई गणित होता है, न कोई संज्ञा, न कोई उपमा; बस आदर, स्नेह, विश्वास और श्रद्धा की एक अखंड धारा प्रवाहित होती रहती है। जिसके जीवन में सच्चे मित्र

मेरे जीवन का आधार: पुस्तकें

मेरे जीवन का आधार: पुस्तकें  (विश्व पुस्तक दिवस – 23 अप्रैल पर विशेष-) “पुस्तकें आत्मा की खिड़कियाँ होती हैं” यह कथन केवल रूपक नहीं, अपितु जीवन की वह अनुभूत सत्यता है जो हर साहित्य प्रेमी के हृदय में धड़कती है। जब हम 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ के रूप में मनाते हैं, तो यह

साहिब-ए- कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी: एक महान शख्सियत

साहिब-ए- कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी: एक महान शख्सियत साहिब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी : एक दिव्य महापुरुष की अनुपम छवि ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की दसवीं ज्योति, ‘श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी’, इस धरा पर उसी दिव्य संकल्पना का मूर्त रूप थे जिसकी कल्पना प्रथम पातशाह ने

स्तुति (उसत्तत): श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी

स्तुति (उसत्तत): श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी दशमेश पिता ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’ की महान शख्सियत के संबंध में यदि दुनिया की समस्त नियामत और विशेषताओं के सभी गुण एकत्र किया जाए तो भी उनकी स्तुति करनी एक क़लमकार के लिए अत्यंत कठिन ही नहीं अपितु ना-मुमकिन है। किसी भी क़लमकार की

संत-सिपाही: खालसा 

संत-सिपाही: खालसा  असि क्रिपान खंडो खड़ग तुपक तबर अरु तीर॥ सैफ सरोही सैहथी यहै हमारै पीर॥ (शशत्र नाम माला) दशमेश पिता, ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’, करुणा, कलम और कृपाण के त्रिवेणी स्वरूप थे। उन्होंने उस काल के समस्त प्रचलित शस्त्रों को ‘पीर’ अर्थात ईश्वरतुल्य घोषित कर, शस्त्रों को धर्म और आत्मिक उत्थान का