स्तुति (उसत्तत): श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी

स्तुति (उसत्तत): श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी दशमेश पिता ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’ की महान शख्सियत के संबंध में यदि दुनिया की समस्त नियामत और विशेषताओं के सभी गुण एकत्र किया जाए तो भी उनकी स्तुति करनी एक क़लमकार के लिए अत्यंत कठिन ही नहीं अपितु ना-मुमकिन है। किसी भी क़लमकार की […]

संत-सिपाही: खालसा 

संत-सिपाही: खालसा  असि क्रिपान खंडो खड़ग तुपक तबर अरु तीर॥ सैफ सरोही सैहथी यहै हमारै पीर॥ (शशत्र नाम माला) दशमेश पिता, ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’, करुणा, कलम और कृपाण के त्रिवेणी स्वरूप थे। उन्होंने उस काल के समस्त प्रचलित शस्त्रों को ‘पीर’ अर्थात ईश्वरतुल्य घोषित कर, शस्त्रों को धर्म और आत्मिक उत्थान का

भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और सिख धर्म

भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और सिख धर्म (एक शोध पूर्ण आलेख  / शोध पत्र) भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर भारत के महानतम समाज सुधारकों, विधिशास्त्र के मर्मज्ञों और संविधान निर्माताओं में अग्रगण्य थे उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में छुआछूत, जातिगत भेदभाव तथा सामाजिक असमानता के विरुद्ध निर्भीक संघर्ष किया। वे शिक्षा को मुक्ति का

हमारी सांझीवालता

हमारी सांझीवालता (गुरु नानक शाह फ़कीर, हिंदुओं के गुरु मुसलमानों के पीर)। सिख धर्म के संस्थापक एवं प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव साहिब जी का प्राकट्य समस्त मानवता के कल्याण हेतु हुआ था। उनकी वाणी में समाहित सत्य, प्रेम, करुणा और समानता का संदेश संपूर्ण विश्व के लिए पथ-प्रदर्शक बना। उन्होंने अपनी चार व्यापक

कुर्बानी की अमिट मिसाल बेग़म ज़ेबुलनिशा

कुर्बानी की अमिट मिसाल बेग़म ज़ेबुलनिशा यदि हम सिख इतिहास का अवलोकन करें तो सिख धर्म के छठे गुरु, श्री गुरु हरगोविंद साहिब को जब जहाँगीर के द्वारा ग्वालियर के क़िले में क़ैद करके रखा गया था तो आप जी ने अपने विशेष प्रयासों से उस समय देश के 52 राजाओं को जो जहाँगीर की

सिख वीरांगना बीबी हरशरण कौर पाबला

सिख वीरांगना बीबी हरशरण कौर पाबला अर्थात्- जिस स्त्री ने बड़े-बड़े राजा और महापुरुषों को जन्म दिया, वो स्त्री मंदा (कमज़ोर, छोटी या बुरी) कैसे हो सकती है? स्त्री से ही स्त्री जन्म प्राप्त करती है। स्त्री के बिना जीवन अधूरा है। केवल अकाल पुरख परमात्मा ही अजूनी है अर्थात् जो स्त्री की कोख से

तपते-तवे की दास्तान

तपते-तवे की दास्तान श्री गुरु अर्जन देव साहिब जी के 418 वें शहीदी गुरु पर्व को समर्पित. . .   मैं सामान्य तवे की तरह ही एक तवा था। आम तवों की तरह. . . लोहे से बना. . .एक सामान्य तवा. . . पर, एक दिन मेरी जिंदगी में ऐसा तूफान आया, जिसने मेरी जिंदगी

 विनम्र श्रद्धांजलि (भोग): डॉ॰ मनमोहन सिंह जी (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री)

 विनम्र श्रद्धांजलि (भोग): डॉ॰ मनमोहन सिंह जी (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) भलो भलो रे कीरतनीआ। राम रमा रामा गुन गाउ । छोड़ि माइआ के धंध सुआउ॥  (श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, अंग क्रमांक 885) संगत जी, स्नेही पाठकों आज दिनांक 03/01/2025 के दिवस पर हम एक ऐसी महान आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,