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सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया: खालसा का अमर योद्धा

सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया: खालसा का अमर योद्धा सरदार जस्सा सिंह जी आहलूवालिया, सिख इतिहास के अद्वितीय योद्धा और खालसा पंथ के महान नेता, का जन्म 3 मई 1718 ई. को पंजाब के आहूल गांव (जिला लाहौर, वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ। आप जी के पिताजी का नाम बदर सिंह और माता जी का नाम जीवनी […]

बाबा बंदा सिंह बहादुर: सिख धर्म के शूरवीर योद्धा

बाबा बंदा सिंह बहादुर: सिख धर्म के शूरवीर योद्धा सिख इतिहास के पन्नों में बाबा बंदा सिंह बहादुर का नाम शौर्य, बलिदान और धर्मनिष्ठा के प्रतीक के रूप में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। आप का जीवन त्याग, साहस और न्याय के सिद्धांतों से ओतप्रोत था। आपका जन्म सन् 1670 ई. में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले

नवाब कपूर सिंह जी: सिख परंपरा के विनम्र योद्धा

नवाब कपूर सिंह जी: सिख परंपरा के विनम्र योद्धा सिख इतिहास में नवाब कपूर सिंह जी का नाम समर्पण, विनम्रता और सेवा के प्रतीक के रूप में अमिट है। आपका जन्म सन् 1697 ईस्वी में हुआ। आपके पिताजी का नाम सरदार दिलीप सिंह जी था। बाल्यकाल से ही आपकी परवरिश सिख धर्म के आदर्शों और

शहीद बाबा दीप सिंह जी: त्याग, शौर्य और सेवा की अमर गाथा

शहीद बाबा दीप सिंह जी: त्याग, शौर्य और सेवा की अमर गाथा शहीद बाबा दीप सिंह जी का जन्म 26 जनवरी, 1682 को ग्राम पहुविंड, जिला अमृतसर में हुआ। माता जी का नाम माता जिऊनी और पिता जी का नाम भगतु जी था। बाल्यकाल में आपको ‘दीपा’ के नाम से पुकारा जाता था। युवावस्था में,

शहीद भाई मणी सिंह जी: एक अनुपम बलिदान और प्रेरणा का स्रोत

शहीद भाई मणी सिंह जी: एक अनुपम बलिदान और प्रेरणा का स्रोत भाई मणी सिंह जी, एक दिव्य आत्मा और सिख धर्म के महान शहीद, का जन्म 10 मार्च 1644 ईस्वी को पंजाब के संगरूर जिले के ग्राम लोंगोवाल में हुआ। कुछ विद्वानों के मतानुसार, उनका जन्म ग्राम अलीपुर, जिला मुजफ्फरनगर (अब पाकिस्तान) में भी

ਭਾਈ ਤਾਰੂ ਪੋਪਟ ਜੀ

ਭਾਈ ਤਾਰੂ ਪੋਪਟ ਜੀ ਭਾਈ ਤਾਰੂ ਪੋਪਟ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ‘ਗੁਰੂ ਪੰਥ ਖਾਲਸਾ’ ਦੇ ਸਿੱਖ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦੀਆਂ ਮਹਾਨ ਗਾਥਾਵਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਹੈ। ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਸਿੱਖ ਸਦਾ ਹੀ ਅਨਿਆਇ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਖੜ੍ਹਦੇ ਆਏ ਹਨ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਧਰਮ, ਸੇਵਾ ਅਤੇ ਮਾਨਵਤਾ ਲਈ ਆਪਣੀ ਜਾਨ ਨਿਓਛਾਵਰ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਭਾਈ ਤਾਰੂ ਪੋਪਟ ਜੀ ਦੀ ਕਹਾਣੀ

Bhai Taru Popat Ji

Bhai Taru Popat Ji The martyrdom of Bhai Taru Popat Ji is one of the most glorious tales in the history of ‘Guru Panth Khalsa.’ The Sikhs of Sri Guru Nanak Dev Ji have always stood against oppression and laid down their lives for their faith, service, and humanity. The story of Bhai Taru Popat

मेहताब की मुस्कान

मेहताब की मुस्कान चमके चाँद-तारों से, प्यारी मेरी मेहताब, सातवें बसंत की खुशबू, जैसे महके गुलाब। सुशील-चंचल, हंसमुख, उसकी अदाएं न्यारी, परी सी दुनिया में खोई, कल्पनाओं की सवारी। दादा-दादी का ताज है तू, उनकी आँखों की रोशनी, तेरी हंसी से महक उठे, उनकी जीवन की हर ज्योति। तेरे नन्हें कदमों की आहट, घर को

संघर्ष से सफलता तक

संघर्ष से सफलता तक संघर्ष है जीवन का श्रृंगार,  हर कठिनाई में छिपा है एक द्वार।  जैसे पत्थर बनता है हीरा चमकदार,  वैसे ही संघर्ष देता है हमें शक्ति अपार। मुकाबला कर, तू निर्भीक चल,  हर ठोकर से मिलता है एक नया बल।  जो रास्ते में आई बाधा भारी,  वही तुझे बनाएगी सबसे न्यारी। जीवन