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जन्मोत्सव वंदना

जन्मोत्सव वंदना आदरणीय, परम सत्कार योग्य सुरेंद्र वीर जी (जत्थेदार उज्जैन मध्यप्रदेश), आज आपको आपके आविर्भाव दिवस (29 नवंबर) पर अंनत स्वस्तिकामनाएं। सत्कार योग्य, सेवा के सागर, धर्म की धरती के सच्चे पथ गामी। जत्थेदार हमारे वीर जी, आपका जीवन, संगत के लिए समर्पित हमेशा अग्रगामी। गुरु नानक घाट की भव्यता संजोई, हर ईंट में […]

भावपूर्ण श्रद्धांजलि: सदी के महानायक धर्मेंद्र जी की मधुर स्मृति में-

भावपूर्ण श्रद्धांजलि: सदी के महानायक धर्मेंद्र जी की मधुर स्मृति में- भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम अध्याय का आज एक उजला पृष्ठ मौन हो गया। फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र- कला, सरलता, संवेदनशीलता और मानवीय गरिमा का अद्वितीय संगम, अब हमारे बीच नहीं रहे। यह समाचार केवल एक अभिनेता के निधन का नहीं अपितु करोड़ों दिलों में बसे

ਪ੍ਰਸੰਗ ਕ੍ਰਮਾੰਕ 6 : ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਨੌਵੇਂ ਪਾਤਸ਼ਾਹ ਦੀ ਗ੍ਰਿਫ਼ਤਾਰੀ

ਪ੍ਰਸੰਗ ਕ੍ਰਮਾੰਕ 6 : ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਨੌਵੇਂ ਪਾਤਸ਼ਾਹ ਦੀ ਗ੍ਰਿਫ਼ਤਾਰੀ (ਸਫ਼ਰ-ਏ-ਪਾਤਸ਼ਾਹੀ ਨੌਂਵੀ — ਸ਼ਹੀਦੀ ਮਾਰਗ ਯਾਤਰਾ) ਸੰਗਤ ਜੀ, ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਦਾ ਖਾਲਸਾ, ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ! ਸ਼੍ਰੀ ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਆਰੰਭ ਹੋਇਆ ਇਹ ਪਾਵਨ ਸ਼ਹੀਦੀ-ਮਾਰਗ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਉਹ ਅਧਿਆਇ ਖੋਲ੍ਹਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਥੋਂ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਅਮਰਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈ। ਇਸੇ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੱਜ ਅਸੀਂ

ਪ੍ਰਸੰਗ ਨੰਬਰ 5: ਭਰਤਗੜ੍ਹ ਦੀ 100 ਸਾਲ ਪੁਰਾਤਨ ਮੰਜੀ ਸਾਹਿਬ

ਪ੍ਰਸੰਗ ਨੰਬਰ 5: ਭਰਤਗੜ੍ਹ ਦੀ 100 ਸਾਲ ਪੁਰਾਤਨ ਮੰਜੀ ਸਾਹਿਬ (ਸਫ਼ਰ-ਏ-ਪਾਤਸ਼ਾਹੀ ਨੌਂਵੀ – ਸ਼ਹੀਦੀ ਮਾਰਗ ਯਾਤਰਾ) ਸੰਗਤ ਜੀ, ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਦਾ ਖਾਲਸਾ, ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫ਼ਤਹ! ਬੈਕਗ੍ਰਾਊੱਡ ਮਿਊਜ਼ਿਕ: (ਪਿਛੋਕਡ ਵਿੱਚ ਇਕ ਮਧੁਰ, ਕੋਮਲ ਅਤੈ ਆਧਿਆਤਮਿਕ ਧੁਨ-ਜਿਵੇਂ ਗੁਰੂ-ਸਮ੍ਰਿਤੀ ਨੂੰ ਜਾਗ੍ਰਿਤ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਵਗ ਰਹੀ ਹੋਵੇ।) ਗੁਰੂ ਪਿਆਰੀ ਸਾਧ-ਸੰਗਤ ਜੀ, ਕੀਰਤਪੁਰ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਭਵਿੱਖ ਦੀ ਇਹ

प्रसंग क्रमांक 6 : पंजाब में हुई नौवें पातशाह की गिरफ्तारी

प्रसंग क्रमांक 6 : पंजाब में हुई नौवें पातशाह की गिरफ्तारी (सफ़र-ए-पातशाही नौंवीं — शहीदी मार्ग यात्रा) संगत जी, वाहिगुरु जी का खालसा, वाहिगुरू जी की फतेह! श्री आनंदपुर साहिब से आरंभ हुआ यह पावन शहीदी-मार्ग, धीरे-धीरे वह अध्याय खोलता चलता है जहाँ से मानव इतिहास को अमरत्व प्राप्त हुआ। इसी धारा में आज हम

प्रसंग क्रमांक 5: भरतगढ़ की 100 वर्ष पुरातन मंजी साहिब

प्रसंग क्रमांक 5: भरतगढ़ की 100 वर्ष पुरातन मंजी साहिब (सफ़र-ए-पातशाही नौंवीं – शहीदी मार्ग यात्रा) संगत जी, वाहिगुरु जी का खालसा, वाहिगुरू जी की फतेह! पार्श्व-गायन: (पृष्ठभूमि में एक मधुर, कोमल और आध्यात्मिक धुन—मानो गुरु-स्मृति को जागृत करती हुई धीरे-धीरे प्रवाहित हो रही हो।) गुरु प्यारी साध-संगत जी, कीरतपुर साहिब से भविष्य की यह

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के मानवीय आदर्श (व्याख्यान)

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के मानवीय आदर्श (व्याख्यान) प्यारे दर्शकों / पाठकों, वाहिगुरु जी का खालसा, वाहिगुरु जी की फतेह! परमपिता अकाल पुरख वाहिगुरु जी तथा बाबा महाकाल के चरणों में विनम्र प्रणाम अर्पित कर, मैं अपने आज के उद्बोधन का शुभारम्भ करता हूँ। भारतीय ज्ञानपीठ, उज्जैन- जो भारतीय सांस्कृतिक चेतना, वैचारिक परंपरा