Singh (Hindi)

‘arsh.blog’ की SINGH category में सिख इतिहास की गौरवशाली धरोहर और सिख वीरों के शौर्य की अद्वितीय गाथाओं को समर्पित है। इस SINGH category में सिख धर्म की शिक्षाओं अनुसार गुरू पंथ खालसा के सिखों की अमर कथाएं संक्षेप में प्रस्तुत की गई हैं। सिख योद्धाओं की वीरता, सेवा, त्याग, और मातृभूमि के प्रति निष्ठा का यह दस्तावेज़ आपको न केवल प्रेरणा देगा, बल्कि गुरु महाराज की कृपा पाने का मार्ग भी दिखाएगा। ‘सिंघ’ श्रेणी में आप पाएंगे सिख वीरों और विशिष्ट व्यक्तित्वों की जीवनी, जिन्होंने अपने साहस और समर्पण से भारतीय इतिहास को नई दिशा दी।

शूरवीर तारा सिंह वां: सिख वीरता का अद्वितीय उदाहरण

शूरवीर तारा सिंह वां: सिख वीरता का अद्वितीय उदाहरण शूरवीर तारा सिंह वां का जन्म पंजाब के अमृतसर जिले के वां नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता श्री गुरदास सिंह जी एक साधारण किसान थे, परंतु उनका बेटा तारा सिंह भविष्य में सिखों के अदम्य साहस और बलिदान का प्रतीक बना। इस ग्राम का […]

सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया: खालसा पंथ के अभूतपूर्व योद्धा

सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया: खालसा पंथ के अभूतपूर्व योद्धा सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया का जन्म सन् 1723 ई. में लाहौर जिले के इचोहिल गांव (अब पाकिस्तान) में हुआ। उनके पिताजी ज्ञानी भगवान सिंह थे, जो अपनी गहरी विद्वता और साहसिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध थे। पिता-पुत्र ने अपने जीवन को खालसा पंथ की सेवा में

सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया: खालसा का अमर योद्धा

सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया: खालसा का अमर योद्धा सरदार जस्सा सिंह जी आहलूवालिया, सिख इतिहास के अद्वितीय योद्धा और खालसा पंथ के महान नेता, का जन्म 3 मई 1718 ई. को पंजाब के आहूल गांव (जिला लाहौर, वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ। आप जी के पिताजी का नाम बदर सिंह और माता जी का नाम जीवनी

बाबा बंदा सिंह बहादुर: सिख धर्म के शूरवीर योद्धा

बाबा बंदा सिंह बहादुर: सिख धर्म के शूरवीर योद्धा सिख इतिहास के पन्नों में बाबा बंदा सिंह बहादुर का नाम शौर्य, बलिदान और धर्मनिष्ठा के प्रतीक के रूप में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। आप का जीवन त्याग, साहस और न्याय के सिद्धांतों से ओतप्रोत था। आपका जन्म सन् 1670 ई. में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले

नवाब कपूर सिंह जी: सिख परंपरा के विनम्र योद्धा

नवाब कपूर सिंह जी: सिख परंपरा के विनम्र योद्धा सिख इतिहास में नवाब कपूर सिंह जी का नाम समर्पण, विनम्रता और सेवा के प्रतीक के रूप में अमिट है। आपका जन्म सन् 1697 ईस्वी में हुआ। आपके पिताजी का नाम सरदार दिलीप सिंह जी था। बाल्यकाल से ही आपकी परवरिश सिख धर्म के आदर्शों और

शहीद बाबा दीप सिंह जी: त्याग, शौर्य और सेवा की अमर गाथा

शहीद बाबा दीप सिंह जी: त्याग, शौर्य और सेवा की अमर गाथा शहीद बाबा दीप सिंह जी का जन्म 26 जनवरी, 1682 को ग्राम पहुविंड, जिला अमृतसर में हुआ। माता जी का नाम माता जिऊनी और पिता जी का नाम भगतु जी था। बाल्यकाल में आपको ‘दीपा’ के नाम से पुकारा जाता था। युवावस्था में,

शहीद भाई मणी सिंह जी: एक अनुपम बलिदान और प्रेरणा का स्रोत

शहीद भाई मणी सिंह जी: एक अनुपम बलिदान और प्रेरणा का स्रोत भाई मणी सिंह जी, एक दिव्य आत्मा और सिख धर्म के महान शहीद, का जन्म 10 मार्च 1644 ईस्वी को पंजाब के संगरूर जिले के ग्राम लोंगोवाल में हुआ। कुछ विद्वानों के मतानुसार, उनका जन्म ग्राम अलीपुर, जिला मुजफ्फरनगर (अब पाकिस्तान) में भी

बाबा बुड्ढा जी: गुरु पंथ खालसा के प्रथम निष्काम सेवादार

बाबा बुड्ढा जी का जन्म 1506 ईस्वी में एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनके जीवन की महिमा ने उन्हें सिख धर्म के इतिहास का अटल स्तंभ बना दिया। पिताजी भाई सुघ्घा जी और माता गोरां जी के स्नेहभरे आशीर्वाद में पले-बढ़े बाबा बुड्ढा जी का जन्म अमृतसर जिले के ग्राम कत्थू नंगल में हुआ

 भाई तारु पोपट जी

‘गुरु पंथ खालसा’ में सिख शहीदों की एक लंबी फेहरिस्त है। जुल्म के खिलाफ लगातार लड़ते हुए श्री गुरु नानक देव साहिब जी के सिखों ने लगातार शहिदीयों को प्राप्त किया है। भाई तारु पोपट ऐसे ही एक युवक सिख सेवादार की सेवा करते हुए प्राप्त की गई शहादत की अनोखी दास्तान है, भाई तारु