मेहताब की मुस्कान
मेहताब की मुस्कान चमके चाँद-तारों से, प्यारी मेरी मेहताब, सातवें बसंत की खुशबू, जैसे महके गुलाब। सुशील-चंचल, हंसमुख, उसकी अदाएं न्यारी, परी सी दुनिया में खोई, कल्पनाओं की सवारी। दादा-दादी का ताज है तू, उनकी आँखों की रोशनी, तेरी हंसी से महक उठे, उनकी जीवन की हर ज्योति। तेरे नन्हें कदमों की आहट, घर को […]