मेरा एक गुरु, उसका एक ग्रंथ
मेरा एक गुरु, उसका एक ग्रंथ
“विभिन्न परिस्थितियों अनुसार अंतरमन के गहन द्वंदों को शब्दों में ढालने का प्रयास मैंने समय-समय पर स्वयं रचित कविताओं के रूप में किया है। मेरी ये रचनाएँ न केवल मेरी साहित्यिक धरोहर हैं, बल्कि इनमें जीवन के अनुभवों और मानवीय संघर्षों का सार गहराई से निहित है। यह कविताएँ भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी और उन्हें जीवन के मार्ग पर दिशा और आलोक प्रदान करने वाली अमूल्य निधि के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगी।”
“I have endeavored to translate the deep inner conflicts, arising from various circumstances, into words through my self-composed poems over time. These creations are not only a part of my literary legacy, but they also encapsulate the essence of life’s experiences and human struggles with great depth. These poems will serve as a source of inspiration for future generations and will forever be remembered as a priceless treasure, offering guidance and light on the path of life.”
मेहताब की मुस्कान चमके चाँद-तारों से, प्यारी मेरी मेहताब, सातवें बसंत की खुशबू, जैसे महके गुलाब। सुशील-चंचल, हंसमुख, उसकी अदाएं न्यारी, परी सी दुनिया में खोई, कल्पनाओं की सवारी। दादा-दादी का ताज है तू, उनकी आँखों की रोशनी, तेरी हंसी से महक उठे, उनकी जीवन की हर ज्योति। तेरे नन्हें कदमों की आहट, घर को
संघर्ष से सफलता तक संघर्ष है जीवन का श्रृंगार, हर कठिनाई में छिपा है एक द्वार। जैसे पत्थर बनता है हीरा चमकदार, वैसे ही संघर्ष देता है हमें शक्ति अपार। मुकाबला कर, तू निर्भीक चल, हर ठोकर से मिलता है एक नया बल। जो रास्ते में आई बाधा भारी, वही तुझे बनाएगी सबसे न्यारी। जीवन
संघर्ष से सफलता तक संघर्ष है जीवन का श्रृंगार, हर कठिनाई में छिपा है एक द्वार। जैसे पत्थर बनता है हीरा चमकदार, वैसे ही संघर्ष देता है हमें शक्ति अपार। मुकाबला कर, तू निर्भीक चल, हर ठोकर से मिलता है एक नया बल। जो रास्ते में आई बाधा भारी, वही तुझे बनाएगी सबसे न्यारी। जीवन