सिख वीरांगना बीबी हरशरण कौर पाबला
सिख वीरांगना बीबी हरशरण कौर पाबला महला 1॥भंडि जंमीऐ भंडि निंमिऐ भंडि मंगणु वीआहु॥भंडहु होवै दोसती भंडहु चलै राहु॥भंडु मुआ भंडु भालीऐ भंडि हौवे बंधानु॥सो किउ मंदा आखिऐ जितु जंमहि राजान॥भंडहु ही भंडु ऊपजै भंडै बाझु न कोइ॥नानक भंडै बाहरा एको सचा सोइ॥जितु मुखि सदा सालाहीऐ भागा रती चारि॥नानक ते मुख ऊजले तितु सचै दरबारि॥(अंग […]