GURBANI AUR SIKH ITIHAS PART-1

फायबर आप्टिक्स के पितामह: डा.नरिंदर सिंह कपानी

हम भारतीय अक्सर हमेशा वार्तालाप करते हैं कि आधुनिक विज्ञान के इस युग में भारतीयों का क्या योगदान है? हमारे वार्तालाप में हमेशा मार्क जुबेर,बिल गेट्स, टिम बर्नर्स और केविन सिस्ट्रोम जैसे लोगों का जिक्र होता है। आज पुरी दुनिया में फेसबुक, वाट्स एप,ट्विटर, इंस्टाग्राम और www.com जैसे माध्यम हमारी दिनचर्या के अभिन्न अंग हैं। […]

माता-पिता का आशीर्वाद

माता-पिता का आशीर्वाद पूता माता की आसीस॥ निमख न बिसरउ तुम् हरि हरि सद‍ा भजहु जगदीस ॥॥रहाउ॥ सतिगुरु तुम् कउ होइ दइआला संतसंगि तेरी प्रीति॥ कापड़ु पति परमेसरु राखी भोजनु कीरतनु नीति॥ अंम्रितु पीवहु सदा चिरु जीवहु हरि सिमरत अनद अनंता॥ रंग तमासा पूरन आसा कबहि न बिआपै चिंता॥ भवरु तुमा्रा इहु मनु होवउ हरि

महान तपस्वी संत बाबा कुलवंत सिंह जी

महान तपस्वी संत बाबा कुलवंत सिंह जी विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक महत्व रखने वाला तख़्त भारत देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस महान भारत वर्ष में विविध धर्म, जाति, वर्ण के लोग अपनी–अपनी धार्मिक परंपराओं के अनुसार मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर, बौद्ध स्थलों एवं अलग–अलग धर्म स्थानों में प्राचीन काल

अलमारी और मन

अलमारी और मन दो अलग–अलग वस्तु और विशेषण है। अलमारी स्थूल है, मन चंचल है। मन की बात प्रधानमंत्री करते है और जनता उसे अलमारी में सहज कर रख देती है। मनमर्जी करने वालों की समाज में बेइज्जती होती है और दूसरों के मन की बात सहज कर, सम्मान देकर अलमारी में रखने वालों का

किसान मोर्चा और मुस्लिम भाईचारा

किसान मोर्चा और मुस्लिम भाईचारा दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पुरे देश से अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस जन आंदोलन ने सरकार की नींद हराम कर दी है। गोदी मीडिया द्वारा इसे पंजाब के आतंकवादी आंदोलन बनाने की असफल कोशिश की गई। परंतु इस जन आंदोलन को आज सभी जाति –

किसान मोर्चे का सच

(लेख— प्रारंभ करने से पहले ही में स्पष्ट करना चाहता हूँ कि इसमें कोई राजनीति नहीं है परंतु सच आम लोगों के सम्मुख आना बहुत जरूरी है। एक आम नागरिक के यह अपने विचार है।) आज पूरे देश में सरकार की गलत नीतियों के कारण त्राहि–त्राहि मची हुई है। यह हिटलर सरकार अपने सरफिरे अंदाज

मोती साबुन के जन्म का इतिहास

सन् 1890 ई. के दशक में टाटा उद्योग समूह ने तेल के व्यवसाय में पुरी तरह से स्थिर होने के पश्चात भारत में साबुन उत्पादन की और गंभीरता से लक्ष्य केंद्रित किया था। उस समय तक भारत में पारंपरिक तरीके से घरों में निर्मित साबुन, बेसन और दूध के मिश्रण से स्नान किया जाता था।

कोरोना संक्रमण का अंत

आज पूरी दुनिया में हर शख्स टकटकी लगाकर कोरोना वैक्सीन का बेचैनी से इंतजार कर रहा है। इस वक्त मैं कहां पर कितने कोरोना संक्रमित हुए है? या कितने लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई? या कोरोना संक्रमित के देश में क्या आंकड़ा है? इन सभी खबरों को नजरअंदाज कर प्रत्येक व्यक्ति टीवी

टीम लीडर बनना चाहते हो

जिसका स्वभाव दिलखुलास हो, और जो स्वयं पर विश्वास करें और दूसरों पर विश्वास रखे,सभी को साथ लेकर काम करने वाला हो, हमेशा खुश रहने वाला हो, सभी के साथ घुल मिलकर मार्ग दर्शन करने वाला, योग्य समय पर कान पकड़ने वाला हो, तभी वह व्यक्ती यशस्वी टीम लीडर हो सकता है। 000 कोरोना संक्रमण

हमारा बजाज

हमारा बजाज जब 12 फरवरी सन् 2022 ई. के मध्यान्ह में सोशल मीडिया और टीवी. चैनलों पर खबर आई कि पद्म भूषण श्री राहुल जी बजाज नहीं रहें, तो मन स्तब्ध होकर स्मृतियों में खो गया। उद्योग महर्षि, पद्म भूषण श्री राहुल जी बजाज का जन्म 10 जून सन् 1938 ई. कोलकाता में एक देशभक्त,