अर्श की कलम से. . . Arsh ki kalam se. . .

बाप्पा मोरया रे. . . . .

बाप्पा मोरया रे. . . . . चौसष्ट कला और चौदाह विद्या के अधिपती यानिकी गणपती, बप्पा के अनेक पर्यायवाची नाम व रूप है, बप्पा को ओमकार, प्रथमेश, भालचन्द्र, विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों की प्रार्थना पर सदा उन में समाने वाला यह सुखकर्ता बुद्धी का देव है। श्री स्वामी समर्थ […]

हिंदी दिवस विशेष

हिंदी दिवस विशेष पूरे विश्व में सबसे अधिक बोली, पढ़ी, लिखी और समझी जाने वाली हमारी ‘राजभाषा’ हिंदी के प्रचार–प्रसार के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर के दिवस को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में पूरे देश में ‘हर्षोल्लास’ के साथ मनाया जाता है। 14 सितंबर सन् 1950 ई. को संविधान सभा में हिंदी को ‘राजभाषा’

कड़ाह-प्रसाद (धियावल) का महत्व

कड़ाह-प्रसाद (धियावल) का महत्व कोरोना संक्रमण का प्रादुर्भाव देश में दिन–प्रतिदिन कम होता जा रहा है। संकट के इस समय के पश्चात आत्मिक शांती हेतु गुरुद्वारों में भी रौनक बढ़ने लगी है। जब हम गुरु घर (गुरुद्वारों) में पहुंचकर ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी’ के समक्ष नतमस्तक होकर मत्था टेकते हैं और गुरु जी का

रमैय्या-वस्तावैय्या. . .रमैय्या-वस्तावैय्या

रमैय्या–वस्तावैय्या. . .रमैय्या–वस्तावैय्या भारत जैसे विशाल देश में बॉलीवुड में रचित पुराने गाने, गीत, संगीत का निश्चित ही अपना इतिहास और महत्व है। हमारे जमाने के श्रोताओं के लिए यह सभी बेहतरीन दिन – रात मुंह पर चढ़े रहने वाले गानों की स्मृतियां सचमुच अद्भुत है। यह मधुर स्मृतियाँ ऐसी है, जैसे भूतकाल के संदर्भ

मित्रता दिवस पर विशेष

मित्रता दिवस पर विशेष सच्चा मित्र वह ही होता है जिसके साथ हम सुख–दुख में समाहित होते हैं। जिसे के समक्ष हम अपने हृदय के भावों को बिना किसी संकोच के प्रकट कर सकें। मित्रता में पाप और पुण्य की गवाही आसानी से होती है। मित्रता में स्वयं की पराजय को स्वीकार करने में किसी

हमारी सांझीवालता

हमारी सांझीवालता गुरु नानक शाह फकीर, हिंदुओं के गुरु मुस्लिमों के पीर। सिख धर्म के संस्थापक प्रथम ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ का अवतार जगत के कल्याण के लिए हुआ था। आप जी ने अपनी चार उदासी यात्राओं से लगभग 36000 माइल्स की यात्रा कर आम लोगों को जाति, वर्ण और छुआछूत के भेदभाव

अनुभव अर्श के……

मोह अर्थात् क्या? वो जान लगाने के बाद ही समझा जा सकता है। प्रेम अर्थात क्या? वो स्वयं को होने के बाद ही समझा जा सकता है। बिरहा अर्थात क्या? प्रेम के रंगों में सराबोर होने के पश्चात ही समझा जा सकता है। जीत अर्थात क्या? वह हारने के पश्चात ही समझा जा सकता है।

गोदी मीडिया और अंधभक्त

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन प्रारंभ हो चुका है। आई.टी. कंपनी में नौकरी करने वाले जनेश जी घर बैठकर लगातार टीवी पर कोरोना संक्रमण के आंकड़े देख रहे है। रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के तरह–तरह के नुस्खे आजमाये जा रहे हैं। प्रधान सेवक और गोदी मीडिया की और से थाली और ताली बजाने

फायबर आप्टिक्स के पितामह: डा.नरिंदर सिंह कपानी

हम भारतीय अक्सर हमेशा वार्तालाप करते हैं कि आधुनिक विज्ञान के इस युग में भारतीयों का क्या योगदान है? हमारे वार्तालाप में हमेशा मार्क जुबेर,बिल गेट्स, टिम बर्नर्स और केविन सिस्ट्रोम जैसे लोगों का जिक्र होता है। आज पुरी दुनिया में फेसबुक, वाट्स एप,ट्विटर, इंस्टाग्राम और www.com जैसे माध्यम हमारी दिनचर्या के अभिन्न अंग हैं।

माता-पिता का आशीर्वाद

माता-पिता का आशीर्वाद पूता माता की आसीस॥ निमख न बिसरउ तुम् हरि हरि सद‍ा भजहु जगदीस ॥॥रहाउ॥ सतिगुरु तुम् कउ होइ दइआला संतसंगि तेरी प्रीति॥ कापड़ु पति परमेसरु राखी भोजनु कीरतनु नीति॥ अंम्रितु पीवहु सदा चिरु जीवहु हरि सिमरत अनद अनंता॥ रंग तमासा पूरन आसा कबहि न बिआपै चिंता॥ भवरु तुमा्रा इहु मनु होवउ हरि