अर्श की कलम से. . . Arsh ki kalam se. . .

अलमारी और मन

अलमारी और मन दो अलग–अलग वस्तु और विशेषण है। अलमारी स्थूल है, मन चंचल है। मन की बात प्रधानमंत्री करते है और जनता उसे अलमारी में सहज कर रख देती है। मनमर्जी करने वालों की समाज में बेइज्जती होती है और दूसरों के मन की बात सहज कर, सम्मान देकर अलमारी में रखने वालों का […]

किसान मोर्चा और मुस्लिम भाईचारा

किसान मोर्चा और मुस्लिम भाईचारा दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पुरे देश से अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस जन आंदोलन ने सरकार की नींद हराम कर दी है। गोदी मीडिया द्वारा इसे पंजाब के आतंकवादी आंदोलन बनाने की असफल कोशिश की गई। परंतु इस जन आंदोलन को आज सभी जाति –

किसान मोर्चे का सच

(लेख— प्रारंभ करने से पहले ही में स्पष्ट करना चाहता हूँ कि इसमें कोई राजनीति नहीं है परंतु सच आम लोगों के सम्मुख आना बहुत जरूरी है। एक आम नागरिक के यह अपने विचार है।) आज पूरे देश में सरकार की गलत नीतियों के कारण त्राहि–त्राहि मची हुई है। यह हिटलर सरकार अपने सरफिरे अंदाज

मोती साबुन के जन्म का इतिहास

सन् 1890 ई. के दशक में टाटा उद्योग समूह ने तेल के व्यवसाय में पुरी तरह से स्थिर होने के पश्चात भारत में साबुन उत्पादन की और गंभीरता से लक्ष्य केंद्रित किया था। उस समय तक भारत में पारंपरिक तरीके से घरों में निर्मित साबुन, बेसन और दूध के मिश्रण से स्नान किया जाता था।

कोरोना संक्रमण का अंत

आज पूरी दुनिया में हर शख्स टकटकी लगाकर कोरोना वैक्सीन का बेचैनी से इंतजार कर रहा है। इस वक्त मैं कहां पर कितने कोरोना संक्रमित हुए है? या कितने लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई? या कोरोना संक्रमित के देश में क्या आंकड़ा है? इन सभी खबरों को नजरअंदाज कर प्रत्येक व्यक्ति टीवी

टीम लीडर बनना चाहते हो

जिसका स्वभाव दिलखुलास हो, और जो स्वयं पर विश्वास करें और दूसरों पर विश्वास रखे,सभी को साथ लेकर काम करने वाला हो, हमेशा खुश रहने वाला हो, सभी के साथ घुल मिलकर मार्ग दर्शन करने वाला, योग्य समय पर कान पकड़ने वाला हो, तभी वह व्यक्ती यशस्वी टीम लीडर हो सकता है। 000 कोरोना संक्रमण

हमारा बजाज

हमारा बजाज जब 12 फरवरी सन् 2022 ई. के मध्यान्ह में सोशल मीडिया और टीवी. चैनलों पर खबर आई कि पद्म भूषण श्री राहुल जी बजाज नहीं रहें, तो मन स्तब्ध होकर स्मृतियों में खो गया। उद्योग महर्षि, पद्म भूषण श्री राहुल जी बजाज का जन्म 10 जून सन् 1938 ई. कोलकाता में एक देशभक्त,

निश्चय कर अपनी जीत को पाना होगा

जब मन बहुत विचलित और व्यथित हो, स्वयं के शरीर का भार सहन करने में कठिनाई हो, सांसों का लगातार क्रमानुसार चलना लड़खड़ाने लगे, स्वयं के दिल की धड़कन बिना स्टेथोस्कोप के मन–मस्तिष्क पर चोट करने लगे और जब अपने किसी के अचानक सामने आने पर अवाक होकर, नजरें मिलाकर चेहरों पर बेबसी झलकें, देहबोली

सफलता की कुंजी: संघर्ष

सफलता की कुंजी: संघर्ष मनुष्य के परिचय का प्रारंभ उसके चेहरे से होता है तो उसकी संपूर्ण पहचान उसके विचार, वाणी और कर्मों से होती है। आप स्वयं चाहे जितने बड़े व्यक्तित्व के स्वामी हो या आपके साथ चाहे जितनी भीड़ नुमा लोग सहयोग करते हो परंतु जीवन को अपने कर्तव्य से ही लगातार संघर्ष

आम आदमी

आम आदमी क्या आपने कभी विचार किया है? कि आर. के. लक्ष्मण के कार्टून में चित्रित ‘आम आदमी’ किस प्रकार का होगा? मेरी नजर में आम आदमी वह है जिसे फेसबुक/इंस्टाग्राम/ट्विटर में किसने, किसके लिए क्या कमेंट किया है? उससे इस ‘आम आदमी’ को कुछ लेना–देना नहीं होता है। यह वह व्यक्ति है, जिसके लिए