पहाड़ियों की पुकार
पहाड़ियों की पुकार सूरज की पहली किरणों ने जैसे ही दार्जिलिंग की वादियों से धुंध की चादर हटाई, बिकी ने अपनी पुरानी विश्वस्त टाटा सूमो की पिछली सीट पर जगह बना ली। वह इस बार न किसी पर्व, न किसी निमंत्रण से बँधा था। वह तो जा रहा था सुषा से मिलने, एक निःशब्द वादे […]