GURBANI AUR SIKH ITIHAS PART-1

अद्वितीय सिख विरासत का लोकार्पण : हिंदी में सिख इतिहास का समग्र दस्तावेज़

पटियाला। हिंदी साहित्य के प्रख्यात स्तंभकार डॉ. रणजीत सिंह ‘अर्श’ द्वारा रचित, संपादित एवं संकलित महत्त्वपूर्ण ग्रंथ ‘अद्वितीय सिख विरासत’ (ISBN: 978-81-955654-8-1) का लोकार्पण 27 सितंबर 2025 को चढ़दी कला टाइम टीवी के कार्यालय में गरिमामय ढंग से सम्पन्न हुआ। लोकार्पण समारोह में पुस्तक का विमोचन पद्मश्री डॉ. जगजीत सिंह ‘दर्दी’ ने अपने कर-कमलों से […]

बेबे का धैर्य, आस्था और चढ़दी कला 

बेबे का धैर्य, आस्था और चढ़दी कला  ੴ सतिगुर प्रसादि॥ पंजाब का एक गाँव बाढ़ की मार से कराह रहा था। चारों ओर कीचड़, टूटी-फूटी झोपड़ियाँ, बह गई फसलें और उजड़ चुके आँगन! सब कुछ विनाश की तस्वीर बन चुके थे। परंतु इस उजाड़ में भी, एक ऊँचे टीले पर बैठी बेबे का चेहरा किसी

नलकी

नलकी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाश पर्व (24 अगस्त सन 2025 ईस्वी.) को समर्पित- “नलकी” — यह एक विशेष यंत्र है, पुरातन समय से ही जिसका प्रयोग तोते को पकड़ने हेतु किया जाता है। इसे बाँस की पतली नली से बनाया जाता है, जिसे एक सरिए में पिरोकर किसी जलपात्र अथवा कुण्ड

भावभीनी श्रद्धांजलि-(“टर्बन्ड टॉरनेडो” बापू फ़ौजा सिंह जी को सादर समर्पित)

भावभीनी श्रद्धांजलि- (“टर्बन्ड टॉरनेडो” बापू फ़ौजा सिंह जी को सादर समर्पित) जब आज 15 जुलाई सन 2025 ई. को सोशल मीडिया के माध्यम से यह अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ कि इस सदी के महान धावक, गुरु पंथ खालसा के निस्वार्थ सेवादार, दृढ़ संकल्प और अटल आस्था के प्रतीक बापू फ़ौजा सिंह जी अब इस

उज्जैन के जननायक श्री पारस चन्द्र जी जैन के अमृत वैभव पर्व (75 वें जन्मोत्सव) पर विशेष शुभकामना संदेश (20 जून 2025)-

उज्जैन के जननायक श्री पारस चन्द्र जी जैन के अमृत वैभव पर्व (75 वें जन्मोत्सव) पर विशेष शुभकामना संदेश (20 जून 2025)- जन्म, शिक्षा एवं व्यक्तित्व सात दशकों से अधिक की विराट यात्रा में जनसेवा, धर्म-निष्ठा और दृढ़ नेतृत्व का जो स्वर्णिम समन्वय श्री पारस चन्द्र जैन जी ने रचा है, वह उज्जैन-वासियों ही नहीं,

मृत्यु का प्रमाण पत्र

मृत्यु का प्रमाण पत्र (एक जीवनदर्शी अनुभव कथा) सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त… कभी गर्व से सीना ताने सरकारी बंगले में रहने वाले, अब उन्हीं की कॉलोनी में स्थित एक सामान्य से निजी मकान में निवास कर रहे थे। पद, प्रतिष्ठा और सत्ता का तेज अब भी उनके आचरण में झलकता था। उन्हें स्वयं पर अत्यधिक गर्व

समय का विलाप: समय से परे, फिर भी समय के अधीन

समय का विलाप: समय से परे, फिर भी समय के अधीन मानवता ने विज्ञान-विकास के पथ पर चलते हुए दूरी, परिश्रम और जटिलताओं को सरल करने के लिए जो प्रगति की है, वह अद्भुत है। किन्तु विडम्बना देखिए—समय बचाने की अट्टालिकाएँ जितनी ऊँची उठती जाती हैं, मनुष्य उतनी ही व्यग्रता से दोहराता है, “समय नहीं

arsh.blog : एक साहित्यिक परिचय

arsh.blog : एक साहित्यिक परिचय 1. प्रस्तावना (भूमिका) डिजिटल युग में लेखनी मात्र शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना, सांस्कृतिक उत्तरदायित्व और आत्मिक संवाद का सशक्त माध्यम बन चुकी है। arsh.blog उसी चेतना का जीवंत स्तम्भ है, एक ऐसा मंच जहाँ गुरुवाणी की सार्वभौमिक शिक्षाएँ, सिख इतिहास की गौरव–गाथाएँ और भारतीय संस्कृति की सजीव

पहाड़ियों की पुकार

पहाड़ियों की पुकार सूरज की पहली किरणों ने जैसे ही दार्जिलिंग की वादियों से धुंध की चादर हटाई, बिकी ने अपनी पुरानी विश्वस्त टाटा सूमो की पिछली सीट पर जगह बना ली। वह इस बार न किसी पर्व, न किसी निमंत्रण से बँधा था। वह तो जा रहा था सुषा से मिलने, एक निःशब्द वादे

अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि- स्वर्गीय जत्थेदार सरदार सुरिंदर सिंह अरोरा (उज्जैन निवासी भोग, 24/05/25).

अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि- स्वर्गीय जत्थेदार सरदार सुरिंदर सिंह अरोरा (उज्जैन निवासी भोग, 24/05/25). संगत जी, इस नश्वर संसार की सबसे अटल और सत्य धारा है, जन्म और मृत्यु! जिस प्रकार प्रभु प्रत्येक आत्मा को एक देह के रूप में इस धरा धाम पर प्रकट करते हैं, उसी प्रकार एक नियत क्षण पर वह आत्मा उसी