Gurbani and sikh ithas-गुरुवाणी और सिख इतिहास

इस अर्श.ब्लॉग/Arsh.Blog में टीम खोज-विचार के द्वारा के द्वारा समय-समय पर गुरवाणी और सिख इतिहास पर रचित लेखों का संकलन और संपादन किया गया हैं। इन रचित लेखों को Arsh.blog/अर्श.ब्लॉग के माध्यम से सहजता से पाठकों के लिए उपलब्ध होता हैं।
In this Arsh.Blog, articles written on Gurvani and Sikh history have been compiled and edited from time to time by team Khoj-Vichar. These written articles are easily available to the readers through Arsh.blog/अर्श.ब्लॉग

संतोषी, सर्वदा सुखी

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) संतोषी, सर्वदा सुखी विश्व में सिख धर्म को सबसे आधुनिक धर्म माना गया है, सिख धर्म को एक मार्शल धर्म भी माना जाता है। ऐसी क्या विशेषता है, इस धर्म की? जो सिख धर्म के अनुयायी है उनकी एक विशेष प्रकार की जीवन शैली […]

श्री गुरु अमरदास साहिब जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) श्री गुरु अमरदास साहिब जी के 544 वें प्रकाश पर्व पर विशेष श्री गुरु अमरदास साहिब जी का संक्षिप्त जीवन परिचय– ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की ही ज्योति सिख धर्म के तीसरे गुरु ‘श्री गुरु अमरदास जी’ का आविर्भाव (प्रकाश) 5 मई

गुरु पंथ ख़ालसा सर्जना (बैसाखी) पर्व पर विशेष

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . (टीम खोज-विचार की पहेल) ‘गुरु पंथ ख़ालसा’ सर्जना (बैसाखी) पर्व पर विशेष– 13/14 अप्रैल सन् 1699 ई. के वैशाखी पर्व पर करूणा, कलम और कृपाण के धनी दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ‘गुरु पंथ ख़ालसा’ की सर्जना करते हुए ख़ालसा सजाया था। इतिहास गवाह है की

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी: श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . (टीम खोज-विचार की पहेल) बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी: श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की दसवीं ज्योत, ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’ निश्चित ही इस संसार में एक ऐसे आदर्श महापुरुष थे जिस की संकल्पना ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ ने

श्री गुरु अर्जुन देव साहिब जी का संक्षिप्त जीवन परिचय–

चलते-चलते. . . (टीम खोज-विचार की पहेल) ੴ सतिगुर प्रसादि॥ श्री गुरु अर्जुन देव साहिब जी के 460 वें प्रकाश पर्व पर विशेष _ श्री गुरु अर्जुन देव साहिब जी का संक्षिप्त जीवन परिचय– तेरा कीआ मीठा लागै॥ हरि नामु पदारथु नानकु माँगै॥ श्री गुरु नानक देव जी की ज्योति, सिख धर्म में शहीदों की

ज़फ़रनामा: विजय पत्र

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) ज़फ़रनामा: विजय पत्र ‘ज़फ़रनामा’ अर्थात विजय पत्र: यह एक ऐसा पत्र है जो दशमेश पिता ‘श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी’ द्वारा औरंगज़ेब को लिखा गया था। ‘ज़फ़रनामा’ एक ऐसा साहित्यिक पत्र है जो हमेशा इतिहास में याद रखा जाएगा। जो कार्य तलवार नहीं

भक्ति और शक्ति का पर्व: होला महल्ला

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) भक्ति और शक्ति का पर्व: होला महल्ला भारतवर्ष में त्योहारों पर्वों एवं उत्सवों का ऋतुओं के साथ संयोजन, जनमानस की नैसर्गिक अभिव्यक्ति एवं धार्मिक व आध्यात्मिक परंपराओं से एक सूत्र में जुड़ा रहा है। इस देश के मुख्य त्योहारों में होली और दीपावली के

भाई मरदाना जी के 564 वें प्रकाश पर्व पर विशेष–

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) प्रासंगिक— भाई मरदाना जी के 564 वें प्रकाश पर्व पर विशेष– सिखों के स्वर्णिम इतिहास में भाई मरदाना जी जैसा भाग्यशाली कोई विरला ही होगा, ‘श्री गुरु नानक देव साहिब साहिब जी’ का सबसे अधिक सानिध्य (लगभग 50 वर्षों तक) भाई मरदाना जी

बाबा दीप सिंह जी के प्रकाश पर्व पर विशेष

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ चलते-चलते. . . . (टीम खोज-विचार की पहेल) प्रासंगिक— बाबा दीप सिंह जी के प्रकाश पर्व पर विशेष– शीश तली पर रखकर प्रण पूरा करने वाला सूरमा: शहीद बाबा दीप सिंह जी  जु लरै दीन के हेत सुरा सोई… सुरा सोई॥ गगन दमामा बाजिओ परिओ नीसानै घाउ॥ खेतु जु माँडिओ सूरमा

युग प्रवर्तक: श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ प्रासंगिक— युग प्रवर्तक: श्री गुरु गोविन्द सिंह साहिब जी के 358 वें प्रकाश पर्व पर विशेष— (टीम खोज-विचार की पहल) युग प्रवर्तक: श्री गुरु गोविंद सिंह साहिब जी  हक्  हक् अंदेश गुरु गोविंद सिंह, बादशाह दरवेश गुरु गोविंद सिंह करुणा, कलम और कृपाण के धनी ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की