प्रसंग क्रमांक 23 : धीरमल के द्वारा श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी पर हुए आक्रमण का इतिहास।
भाई मक्खन शाह लुबाना दिल्ली से 8 अक्टूबर सन् 1664 ई. को ‘बाबा बकाले’ नामक स्थान पर पहुंचे थे। यहां पर पहुंचने पर ज्ञात हुआ था कि ‘श्री गुरु हरकृष्ण साहिब जी’ के अंतिम वचन ‘बाबा बकाले’ के अनुसार इस स्थान पर कई झूठे गुरु गद्दी लगाकर आसीन हैं और स्वयं को आप ही 9वें […]