HINDI

HINDI

प्रसंग क्रमांक 93: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित सोनीपत नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 93 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु सोनिपत नामक स्थान पहुंचे थे। इस सोनिपत नामक स्थान के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों)  को अवगत कराया जाएगा। ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ बनी-बदरपुर से चलकर अपने संपूर्ण परिवार और सेवादारों के साथ […]

प्रसंग क्रमांक 93: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित सोनीपत नामक स्थान का इतिहास| Read More »

प्रसंग क्रमांक 92: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम बनी और बदरपुर का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 92 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु ग्राम बनी-बदरपुर नामक स्थानों पहुंचे थे। इस ग्रामों के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा। सलेमपुर से चलकर ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम खानपुर

प्रसंग क्रमांक 92: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम बनी और बदरपुर का इतिहास| Read More »

प्रसंग क्रमांक 91: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम मुनियरपुर,ग्राम ड्योढ़ी और ग्राम सलेमपुर का इतिहास|

थानेसर (कुरुक्षेत्र) से चलकर गुरु पातशाह जी 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम मनियारपुर नामक स्थान पर पहुंचे थे। यदि हम ग्राम मनियारपुर में जाना हो तो कुरुक्षेत्र से पीपली होते हुए लाड़वे नामक स्थान के निकट लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मनियारपुर स्थित है। गुरु जी ने ग्राम मनियारपुर पहुंचकर एक

प्रसंग क्रमांक 91: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम मुनियरपुर,ग्राम ड्योढ़ी और ग्राम सलेमपुर का इतिहास| Read More »

प्रसंग क्रमांक 90: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित थानेसर (कुरूक्षेत्र) का इतिहास।

ग्राम बारना से चलकर ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ थानेसर (कुरुक्षेत्र) नामक स्थान पर पहुंचे थे। हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है थानेसर, इस स्थान पर कौरव और पांडव के मंदिर भी स्थित हैं। इस स्थान पर पहुंचकर गुरु पातशाह जी ने सरस्वती नदी के किनारे पर अपना डेरा लगाया

प्रसंग क्रमांक 90: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित थानेसर (कुरूक्षेत्र) का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 89: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम बैहर एवं ग्राम बारना का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ धमतान साहिब से चलकर ग्राम टेक नामक स्थान पर पहुंचे थे। पुरातन ग्रंथ और पुरातन ऐतिहासिक स्रोतों में इस ग्राम को टेक के नाम से ही संबोधित किया गया है परंतु नवीन इतिहास में इस ग्राम को ग्राम बैहर के नाम से संबोधित किया गया है। जब गुरु जी

प्रसंग क्रमांक 89: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम बैहर एवं ग्राम बारना का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 88: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय धमतान साहिब जी में गुरु जी के द्वितीय दौरे का इतिहास।

सफर-ए-पातशाही नौवीं श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 87 में ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ से संबंधित गुरुद्वारा धमतान साहिब जी के इतिहास से हम अवगत होंगे। इस स्थान पर गुरु पातशाह जी दो बार पधारे थे। पहले समय गुरु जी इस स्थान पर सन् 1665 ई. की बैसाखी पर पधारे थे और दूसरे समय सन्

प्रसंग क्रमांक 88: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय धमतान साहिब जी में गुरु जी के द्वितीय दौरे का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 87: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम कांजला, ग्राम भैणीमराज, ग्राम मुलोवाल, ग्राम बुढ़लाडा़ और ग्राम संगरेढ़ी का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी भविष्य की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के तहत ग्राम कांजला, ग्राम भैणीमराज और ग्राम मूलोवाल में पहुंचे थे। इस प्रसंग को गति देते हुए इन ग्रामों के इतिहास की जानकारी प्राप्त करेंगे। ग्राम कांजला में गुरु जी की स्मृति में भव्य गुरद्वारा साहिब जी सुशोभित है। इस ग्राम कांजला

प्रसंग क्रमांक 87: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम कांजला, ग्राम भैणीमराज, ग्राम मुलोवाल, ग्राम बुढ़लाडा़ और ग्राम संगरेढ़ी का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 86: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम जहांगीर एवं ग्राम बबनपुर का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपने सिखों और परिवार के साथ धर्म प्रचार-प्रसार की यात्रा करते हुए ग्राम जहांगीर नामक स्थान पर पहुंचे थे। जब गुरु जी यहां पधारे थे तो उस समय यह ग्राम जहांगीर पूर्ण रूप से आबाद नहीं हुआ था। जब गुरु जी इस स्थान में पहुंचे तो पास ही एक

प्रसंग क्रमांक 86: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम जहांगीर एवं ग्राम बबनपुर का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 85: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम फरवाही एवं ग्राम सेखां का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु ग्राम फरवाही नामक स्थान पर पहुंचे थे। जब गुरु पातशाह जी का इस स्थान पर आगमन हुआ तो उस समय इस स्थान पर हैजे की बीमारी से स्थानीय निवासी भयानक रूप से संक्रमित थे। हम सभी जानते हैं कि हैजे का संक्रमण दूषित पानी

प्रसंग क्रमांक 85: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम फरवाही एवं ग्राम सेखां का इतिहास। Read More »

प्रसंग क्रमांक 84: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम रुडे़ के कला, ग्राम केलों, ग्राम ढ़िलवां और ग्राम दुलमिकी का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ के इतिहास से संबंधित ग्राम रुड़े के कला के इतिहास से इस प्रसंग में संगत (पाठकों) को अवगत करवाया जाएगा। जब इस श्रृंखला को रचित करने वाली टीम इस ग्राम रूड़े के कला में पहुंची और स्थानीय लोगों से जानना चाहा कि गुरु जी के इतिहास से संबंधित इस

प्रसंग क्रमांक 84: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम रुडे़ के कला, ग्राम केलों, ग्राम ढ़िलवां और ग्राम दुलमिकी का इतिहास। Read More »