Spread the loveजब मन बहुत विचलित और व्यथित हो, स्वयं के शरीर का भार सहन करने में कठिनाई हो, सांसों का लगातार क्रमानुसार चलना लड़खड़ाने लगे, स्वयं के दिल की धड़कन बिना स्टेथोस्कोप के मन–मस्तिष्क पर चोट करने लगे और जब अपने किसी के अचानक सामने आने पर अवाक होकर, नजरें मिलाकर चेहरों पर बेबसी […]