स्वयं से छल

यह कड़वी सच्चाई है कि जब जीवन में इंसान की मन मांगी मुरादें पूरी नहीं होती है तो वह दुनिया के सर पर इसका दोष मढ़ने लगता है। इंसान का यह व्यवहार ही उसकी स्वयं की प्रगति के मार्ग में अवरोध पैदा करता है। स्वयं के कर्मों के नतीजे स्वयं पर ही निर्भर करते हैं, […]

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रमैय्या-वस्तावैय्या. . .रमैय्या-वस्तावैय्या

रमैय्या–वस्तावैय्या. . .रमैय्या–वस्तावैय्या भारत जैसे विशाल देश में बॉलीवुड में रचित पुराने गाने, गीत, संगीत का निश्चित ही अपना इतिहास और महत्व है। हमारे जमाने के श्रोताओं के लिए यह सभी बेहतरीन दिन – रात मुंह पर चढ़े रहने वाले गानों की स्मृतियां सचमुच अद्भुत है। यह मधुर स्मृतियाँ ऐसी है, जैसे भूतकाल के संदर्भ

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मित्रता दिवस पर विशेष

मित्रता दिवस पर विशेष सच्चा मित्र वह ही होता है जिसके साथ हम सुख–दुख में समाहित होते हैं। जिसे के समक्ष हम अपने हृदय के भावों को बिना किसी संकोच के प्रकट कर सकें। मित्रता में पाप और पुण्य की गवाही आसानी से होती है। मित्रता में स्वयं की पराजय को स्वीकार करने में किसी

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प्रसंग क्रमांक 76: ‘श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी’ की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम अली शेर का इतिहास।

धन्य-धन्य गुरु ‘श्री तेग बहादर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार प्रसार यात्रा हेतु ग्राम अली शेर नामक स्थान पर पहुंचे थे। वर्तमान समय में अली शेर नामक ग्राम में गुरु जी की स्मृति में दो गुरुद्वारे साहिब जी सुशोभित हैं। ग्राम के बाहरी इलाके में इस स्थान पर भव्य गुरुद्वारे का निर्माण चल रहा है। 

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