प्रसंग क्रमांक 7 : वैराग्य से अभिभूत श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी की विस्मय बोध युक्त जीवन यात्रा का इतिहास ।
भावी गुरु ‘श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी’ से आयु में दो वर्ष बड़े भ्राता का अचानक अकाल चलाना (निधन) कर गये थे। इस आकस्मिक घटित घटना का आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा था। सन् 1628 ई. में सिक्ख धर्म के पांचवे गुरु ‘श्री गुरु अर्जन देव साहिब जी’ के ‘महल’ (सौभाग्यवती शब्द को गुरुमुखी […]