Ranjeet Singh

प्रसंग क्रमांक 98: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित प्रयागराज/इलाहाबाद नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 98 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु प्रयागराज/इलाहाबाद नामक स्थान पहुंचे थे। इस प्रयागराज के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा। ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के दौरान कड़ा मानपुर नामक स्थान से चलकर […]

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प्रसंग क्रमांक 97: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित कड़ा मानपुर नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 97 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु ग्राम कड़ा मानकपुर नामक स्थान पहुंचे थे। इस ग्राम कड़ा मानकपुर के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा।  ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु कानपुर शहर से

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प्रसंग क्रमांक 96: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित इटावा और कानपुर नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 96 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु इटावा और कानपुर नामक स्थानों पहुंचे थे। इन स्थानों के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा। सफर-ए-पातशाही के प्रसंग क्रमांक 95 के इतिहास अनुसार हमने जाना था कि  ‘श्री गुरु तेग बहादुर

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प्रसंग क्रमांक 95: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित आगरा नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 95 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु आगरा नामक स्थान पहुंचे थे। इस आगरा नामक स्थान के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा।  ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपने संपूर्ण परिवार और सेवादारों सहित चलकर आगरा नामक स्थान

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प्रसंग क्रमांक 94: श्री तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित मथुरा नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 94 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु मथुरा नामक स्थान पहुंचे थे। इस मथुरा नामक स्थान के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा। ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ सोनीपत से चलकर अपने संपूर्ण परिवार और सेवादारों के साथ

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प्रसंग क्रमांक 93: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित सोनीपत नामक स्थान का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 93 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु सोनिपत नामक स्थान पहुंचे थे। इस सोनिपत नामक स्थान के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों)  को अवगत कराया जाएगा। ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ बनी-बदरपुर से चलकर अपने संपूर्ण परिवार और सेवादारों के साथ

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प्रसंग क्रमांक 92: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम बनी और बदरपुर का इतिहास|

इस प्रस्तुत श्रृंखला के प्रसंग क्रमांक 92 के अंतर्गत ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा हेतु ग्राम बनी-बदरपुर नामक स्थानों पहुंचे थे। इस ग्रामों के संपूर्ण इतिहास से संगत (पाठकों) को अवगत कराया जाएगा। सलेमपुर से चलकर ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम खानपुर

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प्रसंग क्रमांक 91: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी अपनी धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित ग्राम मुनियरपुर,ग्राम ड्योढ़ी और ग्राम सलेमपुर का इतिहास|

थानेसर (कुरुक्षेत्र) से चलकर गुरु पातशाह जी 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम मनियारपुर नामक स्थान पर पहुंचे थे। यदि हम ग्राम मनियारपुर में जाना हो तो कुरुक्षेत्र से पीपली होते हुए लाड़वे नामक स्थान के निकट लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मनियारपुर स्थित है। गुरु जी ने ग्राम मनियारपुर पहुंचकर एक

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प्रसंग क्रमांक 90: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा से संबधित थानेसर (कुरूक्षेत्र) का इतिहास।

ग्राम बारना से चलकर ‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ थानेसर (कुरुक्षेत्र) नामक स्थान पर पहुंचे थे। हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है थानेसर, इस स्थान पर कौरव और पांडव के मंदिर भी स्थित हैं। इस स्थान पर पहुंचकर गुरु पातशाह जी ने सरस्वती नदी के किनारे पर अपना डेरा लगाया

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प्रसंग क्रमांक 89: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धर्म प्रचार-प्रसार यात्रा के समय ग्राम बैहर एवं ग्राम बारना का इतिहास।

‘श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी’ धमतान साहिब से चलकर ग्राम टेक नामक स्थान पर पहुंचे थे। पुरातन ग्रंथ और पुरातन ऐतिहासिक स्रोतों में इस ग्राम को टेक के नाम से ही संबोधित किया गया है परंतु नवीन इतिहास में इस ग्राम को ग्राम बैहर के नाम से संबोधित किया गया है। जब गुरु जी

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