समर्पण और त्याग की मूर्ति: जगत् माता गुजरी जी
समर्पण और त्याग की मूर्ति: जगत् माता गुजरी जी ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . सफर-ए-शहादत (टीम खोज-विचार की पहेल) सो किउ मंदा आखीऐ जितु जंमहि राजान॥ यदि किसी देश, धर्म या कौम के इतिहास को परिपेक्ष्य करना हो तो उसका आधार उस स्थान पर विकसित समाज पर निर्भर करता है और उस समाज […]