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राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में, गुरु पंथ खालसा का योगदान

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ गुरबाणी और सिख इतिहास-1 (टीम खोज-विचार की पहेल) प्रासंगिक– (राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस (14 सितम्बर) पर विशेष। राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में, गुरु पंथ खालसा का योगदान ‘राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में पंजाबी सभ्याचार में जीवन व्यतीत करने वाले साहित्यकारों का प्राचीन समय से लेकर वर्तमान समय तक अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। […]

श्री गुरु रामदास साहिब जी का संक्षिप्त परिचय

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ प्रासंगिक– श्री गुरु रामदास साहिब जी के प्रकाश पर्व पर विशेष– (अद्वितीय सिख विरासत/गुरबाणी और सिख इतिहास/टीम खोज-विचार की पहेल) श्री गुरु रामदास साहिब जी का संक्षिप्त परिचय सिख धर्म के प्रथम गुरु ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ की चौथी ज्योति ‘श्री गुरु रामदास साहिब जी’ रुहे ज़मीं पर, महापुरुषों की

अपने भीतर के रावण का दहन कीजिए…

ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ॥ अपने भीतर के रावण का दहन कीजिए… विजयादशमी—अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि (इस वर्ष 2 अक्टूबर 2025, अर्थात 2 असू नानकशाही संवत 557)-वह पावन दिन है जिसे सम्पूर्ण भारत ही नहीं, बल्कि विश्व भर में बसे भारतीय बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह केवल त्योहार नहीं,

मिशन रानीगंज: अदम्य साहस, शौर्य और धैर्य पर आधारित सत्य कथानक

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ (अद्वितीय सिख विरासत/गुरबाणी और सिख इतिहास/टीम खोज–विचार की पहेल) मिशन रानीगंज: अदम्य साहस, शौर्य और धैर्य पर आधारित सत्य कथानक सलोक कबीर॥ सूरा सो पहिचानीऐ जु लरै दीन के हेत॥ पुरजा पुरजा कटि मरै कबहू न छाडै खेतु॥ (अंग क्रमांक 1105) अर्थात वो ही शूरवीर योद्धा है जो दीन, दुखियों और असहाय

गुरुवाणी और कर्मकांड: एक विवेचना— (भाग–2)

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ (अद्वितीय सिख विरासत/गुरबाणी और सिख इतिहास) (टीम खोज–विचार की पहेल) गुरुवाणी और कर्मकांड: एक विवेचना— (भाग–2) संपूर्ण विश्व में सिख धर्म को सबसे आधुनिक धर्म माना जाता है। सिखों ने विश्व में अपनी सेवा, सिमरन, त्याग, इंसानियत और देश भक्ति के जज्बे से अपनी एक अलग विशेष पहचान ‘विश्व पटल’ पर निर्माण

गुरुवाणी और कर्मकांड: एक विवेचना—(भाग–1)

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ (अद्वितीय सिख इतिहास/गुरबाणी और सिख इतिहास/(टीम खोज–विचार की पहेल) गुरुवाणी और कर्मकांड: एक विवेचना-(भाग–1) संपूर्ण विश्व में सिख धर्म को सबसे आधुनिक धर्म माना जाता है। सिखों ने विश्व में अपनी सेवा, सिमरन, त्याग, इंसानियत और देश भक्ति के जज्बे से अपनी एक अलग विशेष पहचान ‘विश्व पटल’ पर निर्माण की है।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी: संक्षिप्त परिचय

बाणी गुरू गुरू है बाणी विचि बाणी अंम्रितु सारे॥ गुरू बाणी कहै सेवकु जनु मानै परतखि गुरू निसतारे॥ (अंग क्रमांक 982) अर्थात बाणी गुरु है और गुरु ही बाणी है, गुरु और बाणी में कोई अंतर नही है, गुरु की बाणी ही गुरु है और गुरबाणी में सारे अमृत मौजूद है। संपूर्ण सृष्टि के गुरु

श्री दरबार साहिब जी अमृतसर का निर्माण: एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण

ੴ सतिगुर प्रसादि॥ (अद्वितीय सिख विरासत/गुरबाणी और सिख इतिहास/खोज-विचार की पहल) श्री दरबार साहिब जी अमृतसर का निर्माण: एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाश पर्व को समर्पित– वर्तमान समय से लगभग 450 वर्ष पूर्व जिस पुरातन समय में ‘श्री हरमंदिर साहिब, दरबार साहिब अमृतसर जी’ के समय भवन निर्माण करते

‘राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में, गुरु पंथ खालसा का योगदान

ੴसतिगुर प्रसादि॥(अद्वितीय सिख विरासर/गुरबाणी और सिख इतिहास/खोज-विचार की पहेल)प्रासंगिक– (राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस (14 सितम्बर) पर विशेष। ‘राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में, गुरु पंथ खालसा का योगदान ‘राष्ट्रभाषा हिंदी’ के प्रचार-प्रसार में पंजाबी सभ्याचार में जीवन व्यतीत करने वाले साहित्यकारों का प्राचीन समय से लेकर वर्तमान समय तक अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। निश्चित ही प्रत्येक

अमर शहीद भाई मोतीराम जी मेहरा

अमर शहीद भाई मोतीराम जी मेहरा ੴ सतिगुर प्रसादि॥ चलते-चलते. . . . सफर-ए-शहादत (टीम खोज-विचार की पहेल) ऐसा कहा जाता है कि जिस बाग का माली बेईमान हो जाए उसके फूल भी नहीं और फल भी नहीं! जो बकरी शेर की गुफा में प्रवेश कर जाए उसकी हड्डी भी नहीं और खाल भी नहीं!