श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर–
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर– भूमिका— ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि॥जपु॥ अब तउ जाइ चढे सिंघासनि मिले है सारिंगपानी॥ राम कबीरा एक भए है कोइ न सकै पछानी॥ (अंग क्रमांक 969) भक्त कबीर जी कहते है! अब परमात्मा की प्राप्ति हो गई है और […]