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पत्रकारिता के मसीहा: अशोक अग्रवाल जी की स्मृति में–

पत्रकारिता के मसीहा: अशोक अग्रवाल जी की स्मृति में– पुणे से प्रकाशित निर्भीक दै. भारत डायरी के बेधड़क वरिष्ठ, वरेण्य पत्रकार, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आम लोगों की आवाज को सतत् बुलंद करने वाले हिंदी दैनिक अखबार ’भारत डायरी’ के संस्थापक, संपादक श्री अशोक अग्रवाल जी का देहांत 09/09/24. को पुणे में ह्रदय गति रुकने से […]

जीवन के सफर का संघर्ष

जीवन के सफर का संघर्ष एक जिज्ञासु माली ने देखा कि उसके बगीचे में एक गमले में पौधे की पत्ती के निचले हिस्से पर एक वयस्क तितली कुछ अंडे दे रही है। उस दिन से वह जिज्ञासु माली एक अंडे को बड़े उत्साह से लगातार देखने लगा। अंडा धीरे-धीरे कंप-कंपाकर, हिलने-डुलने लगा। (पाठकों की जानकारी

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में भक्त नामदेव जी की वाणी (संक्षिप्त परिचय)–

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में भक्त नामदेव जी की वाणी (संक्षिप्त परिचय)– सभु गोबिंदु है सभु गोबिंदु है गोबिंद बिनु नही कोई॥ भूमिका— संत, महापुरुषों और भक्तों की पवित्र धरती महाराष्ट्र में भक्त ज्ञानेश्वर, निवृत्तिनाथ, सोपानदेव, मुक्ताबाई, गोरा कुम्भार, सावता माली, परिसा भागवत, जनाबाई, बंका धेड़, सेननाई, नरहरि सुनार इत्यादि सगुण-निर्गुण भक्ति के अनेक

अवसाद (Depression)–

अवसाद (Depression)– अवसाद (Depression) से पीड़ित एक व्यक्ति एक वरिष्ठ मनोचिकित्सक के पास गया। मनोचिकित्सक ने उसकी जांच की और पाया कि उस अवसाद पीड़ित व्यक्ति को कुछ नहीं हुआ है| मनोचिकित्सक ने उस व्यक्ति से कहा, मुझे तो आप में किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक व्याधि नजर नहीं आ रही है इसलिए मैं

श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का संक्षिप्त परिचय—

श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का संक्षिप्त परिचय— दलभंजन गुरु सूरमा वड जोधा बहु पर उपकारी ॥ श्री गुरु नानक देव साहिब जी की ही ज्योति, सिख धर्म को ‘मीरी-पीरी’ की दात बक्शीश करने वाले, दाता बंदी छोड़ सिख धर्म के छठे (षष्टम गुरु) गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी परोपकार की मूर्ति, युगांतकारी, क्रांतिकारी,

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर–

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर– भूमिका— ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि॥जपु॥ अब तउ जाइ चढे सिंघासनि मिले है सारिंगपानी॥राम कबीरा एक भए है कोइ न सकै पछानी॥ (अंग क्रमांक 969) भक्त कबीर जी कहते है! अब परमात्मा की प्राप्ति हो गई है और हृदय

विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का 28 वाँ अधिवेशन (20वाँ साहित्य मेला) संपन्न

विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का 28 वाँ अधिवेशन (20वाँ साहित्य मेला) की विस्तृत जानकारी– विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का 28 वाँ अधिवेशन (20वाँ साहित्य मेला) संपन्नविश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान (मुख्यालय प्रयागराज, उत्तर प्रदेश) तथा हिन्दी विभाग, विश्वविद्यालय कॉलेज, मंगलुरु, कर्नाटक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय साहित्य अधिवेशन दिनांक 7 एवं

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर–

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में भक्त कबीर– भूमिका— ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि॥जपु॥ अब तउ जाइ चढे सिंघासनि मिले है सारिंगपानी॥ राम कबीरा एक भए है कोइ न सकै पछानी॥ (अंग क्रमांक 969) भक्त कबीर जी कहते है! अब परमात्मा की प्राप्ति हो गई है और

संयुक्त परिवार

संयुक्त परिवार जीवन हारमोनियम के बटनों 🎹🎹🎹 की तरहां होता है,सुख की पट्टीयां सफेद रंग की, और दुख की पट्टीयां काले रंग की होती है परंतु खास बात यह है,कि दोनों एक साथ बजायेंगे, तो ही जीवन में सुरिले संगीत का निर्माण होगा और तबला पत्नी की तरहां होती है, सुख, दुख दोनों में बराबरी

सिखों का चरित्र

सिखों का चरित्र गुरबाणी की संपूर्ण विचारधारा एक उत्तम चरित्रवान व्यक्ति का निर्माण करती है। चरित्रवान व्यक्ति, वह व्यक्ति होता है जो शाश्वत सत्य को पकड़कर, झूठ और झूठी बातों से बचते हुए, गुरुवाणी के मार्ग पर चलकर अपना जीवन व्यतीत करता है। चरित्रवान व्यक्ति न केवल अपने चरित्र का निर्माण करता है अपितु अपनी