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श्री गुरु नानक देव साहिब जी और उनकी चार उदासी यात्राएँ

श्री गुरु नानक देव साहिब जी और उनकी चार उदासी यात्राएँ सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव साहिब जी द्वारा उनके जीवन काल में की गई चार उदासी यात्राओं का महान महत्व है। ‘उदासी’ शब्द का अर्थ है उपरामता या वैराग्य, जो सांसारिक सुख, भौतिक संसाधन, परिवार और मोह-ममता के […]

हमारा पंजाबी सभ्याचार

हमारा पंजाबी सभ्याचार यदि पंजाबी सभ्याचार को सरल शब्दों में विश्लेषित करना हो तो हम कह सकते हैं कि संपूर्ण विश्व में जो ‘श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ के आचार–विचार, संस्कार और उपदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने वाली संगत अर्थात ‘नानक नाम लेवा संगत’ जिसमें सिख, मोना पंजाबी, जाट, सिंधी समाज, नेगी सिख,

महान संत श्री गुरु नानक देव जी: मानवता के पथ प्रदर्शक

महान संत श्री गुरु नानक देव जी: मानवता के पथ प्रदर्शक कलि तारण गुरु नानक आइआ।। भारत, जिसे विविधता में एकता की भूमि के रूप में जाना जाता है, सदियों से “वसुधैव कुटुंबकम्” के सिद्धांत का पालन करता आ रहा है। इस महान संस्कृति की बुनियाद में सिख धर्म और इसके महान संतों की अनमोल

अकली किजै दान

अकली किजै दान लोक-कल्याण और परोपकार हेतु सात्विक और सेवा भाव की जो महती प्रेरणा श्री गुरु रामदास जी ने आत्मसात की, वही परोपकार की सात्विक प्रवृत्ति आज भी सिख श्रद्धालुओं में दृष्टिगत होती है। सिमरन, धर्मशालाओं का निर्माण, लंगर सेवा, अस्पताल एवं विद्यालयों का सृजन, तथा भव्य गुरु धामों का निर्माण इत्यादि| ये सभी

श्री गुरु नानक देव साहिब जी और मोदी खाना

श्री गुरु नानक देव साहिब जी और मोदी खाना व्हाट्सएप विश्वविद्यालय में हम सभी एक वीडीयो क्लिप अक्सर देखते है कि जिसमें पंजाब के सिख सेवादार दवाइयों की दुकान को ‘मोदी खाने’ के रूप में प्रदर्शित कर ‘मोदी खाने’ के महत्व को समझा रहे हैं। ‘मोदी खाना’ श्री गुरु नानक देव साहिब जी’ के इतिहास

प्रासंगिक– 77 वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त सन 2024 ई. पर विशेष–

प्रासंगिक– 77 वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त सन 2024 ई. पर विशेष- ੴ सतिगुर प्रसादि दुनिया में मिल जाएंगे आशिक कई,पर वतन से हंसी सनम नहीं होता।हीरो में सिमट कर, सोने से लिपटकर, मरते हैं कई।पर तिरंगे से खूबसूरत कफ़न नहीं होता। हमारा स्वतंत्रता दिवस भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन

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The SINGH category of ‘arsh.blog’ is dedicated to the glorious heritage of Sikh history and the unparalleled tales of valor of Sikh warriors. This category presents the immortal stories of Khalsa Sikhs according to the teachings of Sikhism. This document of Sikh warriors’ bravery, service, sacrifice, and unwavering loyalty to the motherland will not only

बाबा बुड्ढा जी: गुरु पंथ खालसा के प्रथम निष्काम सेवादार

बाबा बुड्ढा जी का जन्म 1506 ईस्वी में एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनके जीवन की महिमा ने उन्हें सिख धर्म के इतिहास का अटल स्तंभ बना दिया। पिताजी भाई सुघ्घा जी और माता गोरां जी के स्नेहभरे आशीर्वाद में पले-बढ़े बाबा बुड्ढा जी का जन्म अमृतसर जिले के ग्राम कत्थू नंगल में हुआ

 भाई तारु पोपट जी

‘गुरु पंथ खालसा’ में सिख शहीदों की एक लंबी फेहरिस्त है। जुल्म के खिलाफ लगातार लड़ते हुए श्री गुरु नानक देव साहिब जी के सिखों ने लगातार शहिदीयों को प्राप्त किया है। भाई तारु पोपट ऐसे ही एक युवक सिख सेवादार की सेवा करते हुए प्राप्त की गई शहादत की अनोखी दास्तान है, भाई तारु

संघर्ष से सफलता तक

संघर्ष से सफलता तक संघर्ष है जीवन का श्रृंगार,  हर कठिनाई में छिपा है एक द्वार।  जैसे पत्थर बनता है हीरा चमकदार,  वैसे ही संघर्ष देता है हमें शक्ति अपार। मुकाबला कर, तू निर्भीक चल,  हर ठोकर से मिलता है एक नया बल।  जो रास्ते में आई बाधा भारी,  वही तुझे बनाएगी सबसे न्यारी। जीवन