बेटी जसमिनीत के जन्मोंत्सव पर आशीर्वाद वचन-
साक्षात सरस्वती का रूप, मेरे परिवार का अभिमान,
अपने गुणों से पाया तुमने अद्वितीय, उच्च सम्मान।
समाज, परिवार की सेवा में हर दिन तुम्हारा समर्पण,
गुरबाणी के शब्दों से पावन तुम्हारा तन और मन।
गणित की गूढ़ राहों में तुमने पाया है मान,
मेहनत और ज्ञान का मिला तुम्हें अनमोल वरदान।
हर छात्र को अपने ज्ञान से शिक्षा की राह दिखाती तुम,
जैसे उसके अंधेरे जीवन में दीपक की लौ लगाती तुम।
दो बेटियों की प्यारी मां, स्नेह और ममता से भरी,
जीवन में सबका ख्याल रखती, जैसे वात्सल्य की झरी।
सुरीली आवाज पहचान तुम्हारी, हर मन को कर दे पावन,
गृहणी और प्राध्यापक, दोनों ही रुप में तुम आदर्श महान।
ऐसी बेटी पर गर्व है, जिसका जीवन है एक उजाला,
हर कदम पर संग, पिता का है आशीर्वाद मतवाला।
यूं ही चमकती रहो बेटी तुम, परिवार में बनकर सितारा
रहो हमेशा खुशहाल, वाहिगुरु नाम का मिले हमेशा सहारा।