दीपावली शुभ चिंतन

Spread the love

वो रसिक संगीत प्रेमी, जिनका अभ्यंग स्नान रामकली भटीयार ललित से होता है। सुबह दिवाली की फराल तोड़ी, देशकार, जौनपुरी से होती हो और भोजन बसंत मुखारी, सारंग गौड़ सारंग से होता हो एवं शाम की चाय भीमपलास, मुल्तानी, पटदीप से होती हो, दीप प्रज्वलन पुरिया मारवा श्री से होता हो, आतिशबाजी यमन, केदार, हमीर, कलावती से होती हो, रात्रि का भोजन शुद्ध कल्याण, भुप, दुर्गा, मारुबिहाग और शयन अभोगी, मालकंस, दरबारी से होता हो, आलाप जिसके आकाश दिये हो, लयकारी जिसकी रांगोली हो और तान जिसकी दीप माला हो, ऐसे सभी रसिक संगीत प्रेमियों को दिपावली शुभचिंतन. . !

 विशेष जानकारी— 

‘पंथ खालसा’ में दीपावली के इन दिवसों का बडा़ ही विशेष महत्व है। कारण 6 वीं पातशाही ‘श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी’ ने इन्ही दिनों में अपने साथ पुरे देश के 52 राजाओं को जहांगीर की कैद से ग्वालियर के किले से आजाद करवा कर स्वयं के निरीक्षण में प्रत्येक राजा को सुरक्षित उनकी रियासतों में पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था और दरबार साहिब अमृतसर पहुंचे थे। इसलिये सिख धर्म के अनुयायी इन दिवसों को ‘दाता बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में पूरे विश्व में हर्षोल्लास के साथ सेवा–सुमिरन और गुरुवाणी का पठन कर दीप मालायें प्रज्ज्वलित कर मनाते है।

इस पूरे देश के 52 राजाओं को सही सलामत जहांगीर की कैद से आजाद करवाने वाले ऐसे महान सतगुरु ‘श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी’ को सादर नमन!

000

माता–पिता का आशीर्वाद

KHOJ VICHAR YOUTUBE CHANNEL


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *