रात होते ही शहर का सबसे मशहूर क्लब रोशनी से नहाने लगा था, क्लब के बगीचे में सुंदर फव्वारे एल.ई.डी. की रोशनी में विशेष आकर्षण बने हुए थे| क्लब की पार्किंग में बड़ी-बड़ी आलीशान विदेशी गाड़ियां के बाद एक बाद एक पार्क को रही थी| क्लब का स्टाफ प्रत्येक मेहमान का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत-सत्कार कर रहा था| मेहमान अपनी कीमती पोशाकों में, कम कपड़ों में सजी-धजी सुंदरियों के साथ क्लब के पार्टी स्थल पर प्रवेश कर रहे थे कारण आज शहर के सबसे बड़े उद्योगपति ने अपने जन्मदिन के अवसर पर इस क्लब में विशेष आलीशान काकटेल पार्टी का आयोजन किया था| इस पार्टी में कर्कश संगीत, सिगरेट और गांजे का धुआं, विदेशी मदिरा के एक के बाद एक पैग का लगातार दौर चल रहा था| कर्कश संगीत की धुनों पर पार्टी में शामिल मेहमान और सुंदरियों के पैर थिरक रहे थे| एक और शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन के विभिन्न प्रकार सजे हुए थे, उपस्थित सभी मेहमानों ने विदेशी मदिरा और भोजन का भरपेट लुफ्त उठाया था| देर रात तक पार्टी चल रही थी, अधिक मदिरा पीने के कारण कई मेहमान नशे में धुत होकर अपनी सुध-बुध खो चुके थे, भोर होने से पहले यह थके-हारे मेहमान और शहर के अमीर, उच्च गणमान्य और रसूख वाले लोग जल्द से जल्द अपने घरों में पहुंचकर, नशे की हालत में बेसुध होकर अपने-अपने बिस्तरों पर पड़ गए थे|
दूसरी और एक दिहाड़ी मजदूर दिनभर की मजदूरी करके थका-मांदा होकर, उसने जब अपने झोपड़ी नुमा घर में प्रवेश किया तो पिता को देखते ही बच्चे खुशी से उछल पड़े थे, बच्चों के नाच-गाने और खेलने से, घर में कोहराम मच गया था| अत्यंत खुशी से उर्जीत इस माहौल में पिता, घर की अंगिठी के सामने बच्चों के साथ जा बैठा था| पत्नी ने बड़े ही प्यार से बच्चों और उन बच्चों के पिता को सादा-सात्विक भोजन परोस दिया था और पूरा परिवार मिलजुल कर भोजन का आनंद लेने लगा था| भोजन के पश्चात पूरे परिवार ने अपनी दिनचर्या एक दूसरे को सुनाई थी, बच्चों ने अपनी पढ़ाई की जानकारी माता-पिता को दी, माता-पिता ने कुछ अच्छे संस्कारों की शिक्षा बच्चों को दी थी| रात का एक पहर बीत चुका था, सारे परिवार ने मिलजुल कर, उस परमपिता-परमेश्वर का शुकराना, प्रार्थना करके अदा किया और उस प्रभु-परमेश्वर का गुणगान करते हुए नींद रानी की गोद में समा कर गहरी नींद में सो गए थे|
पाठक स्वयं निर्णय करें कि . . . सुखी कौन. , , , ,?