हमारा ‘युनाटेड किंगडम’का टूर (भाग तीन)
अनुभव लेखन– (भाग तीन)
(लोग आते है, स्मृतियों को सजोते है,रिश्तों को संवारते हुए चलते जाते है,
इस जीवन से विचित्र और बेहतरीन कोई पर्यटन नही होता है शायद!)
हमारे लंदन टूर के दौरान आज हम सभी (26/10/2022 ई.) को बेलफास्ट शहर के होटल हालीडे इन से निश्चित समयानुसार सुबह 9.30 कांटीनेंटल ब्रेकफास्ट करके अपनी अगली यात्रा के लिये बेलफास्ट पोर्ट की और चल पडे़, ठीक 11.30 बजे की फैरी (आलीशान क्रुज़) के द्वारा प्रशांत महासागर में यात्रा करते हुये करीब 3 बजे हम स्काटलैंड पहुँच गये। हमारे दोपहर का भोजन फिर वही व्हेज बर्गर, फिंगर चिप्स और स्लाद क्रुज़ पर ही था। भोजन के पश्चात क्रुज़ के डैक के उपर असहनीय ठंड को सहन कर फोटोग्राफी करने का आनंद लेकर और क्रुज़ पर स्थित दुकानों पर छोटी–मोटी शापींग कर, गर्मागर्म काफी का आनंद लेते हुये स्काटलैंड पहुँच गये। समुद्र के पोर्ट से दो घंटे की यात्रा करने के पश्चात हम सभी ग्लास्गो नामक शहर में पहुँच गये थे। इस शहर की जनसंख्या करीब 12 लाख तक है और यहां शहर पुरातन वास्तुकला और आधुनिक वास्तुकला का अनोखा संगम है। इस शहर में 3 बड़ी युनिवर्सिटी है और यह स्काटलैंड की आर्थिक राजधानी माना जाता है। इन शहरों में टू व्हीलर दिखाई नही देते है। सार्वजनिक यातायात और सायकलिंग कर के लोग सफर करते है। अभी तक हम यात्रा करते हुये वेल्स देश के शहर स्टार्टफोर्ड, बाथ और कार्डिफ़ से होते हुये आयरलैंड के शहर डबलिन में पहुँचे थे पश्चात हम रिपब्लिकन आफ नार्दर्न आयरलैंड के शहर बेलफास्ट पहुँच थे और आज हम बेलफास्ट शहर से चलकर और प्रशांत महासागर से सफर कर स्काटलैंड के शहर ग्लासगो पहुँच है। यह देश स्काच व्हिस्की बनाने के लिये भी प्रसिद्ध है और यहां के वेस्टर्न संगीत की अपना एक इतिहास और परंपरा है। इस शहर में हमारे स्थानीय गाईड एलन ने हमें पुरे शहर में घुमाकर महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करी। पश्चात हमने एक भारतीय रेस्तरां में कई दिनों के पश्चात ढंग का रात्री भोजन किया और निवास हेतु होटल कोर्ट यार्ड मेरियट में चेकइन हुये।
हमारे लंदन टूर के दौरान आज हम सभी (27/10/2022 ई.) को ग्लास्गो शहर के होटल कोर्टयार्ड मैरियट से ठीक 8 बजे अपने आज के भ्रमण के लिए चल पड़े। इस शहर में सुबह 8.30 बजे पौ फट कर उजाला होना प्रारंभ होता है अर्थात् मुँह अंधेरे हम सभी आज यह स्कॉटलैंड में प्रसिद्ध स्काॅच बनाने वाली कंपनी ग्लैंनकिच जिसका की विश्व प्रसिद्ध ब्रंड जानी वाकर स्काॅच है, इस कंपनी में विजिट के लिए जा रहे थे। करीब 2.30 घंटे की इस यात्रा में स्कॉटलैंड की खूबसूरत वादियों में यात्रा करते हुये हम सभी ग्लैंनकिच नामक कंपनी में पहुंचे थे। रास्ते में खूबसूरत स्कॉटलैंड स्टाइल में बने बंग्लों ने मन मोह लिया था। यह संपूर्ण इलाका ही अत्यंत सुंदर है। मोबाइल कैमरा हाथ में लेकर समझ नहीं आता है कि किसका फोटो क्लिक करें? और किस का नही! फोटोओं से या वीडियो देखकर या इतिहास को पढ़कर इन वस्तुओं को समझा नही जा सकता है। गजब की मीनाकारी, कलाकारी और वास्तुकला देखते ही बनती है। सबसे अच्छी बात जो मुझे लगी की उन्होंने अपने गरिमामयी इतिहास का संवर्धन बहुत अच्छे तरीके से कर के रखा है। आधुनिकता की दौड़ ठीक है परंतु पुरातन वास्तुकला को संभालने में उनका कोई सानी नहीं हैं। सन् 1825 ई. से लेकर, वर्तमान समय तक के जानी वाकर स्कॉच के संबंध में हम सभी ने विस्तृत जानकारी फैक्ट्री के स्थानीय गाइड से प्राप्त की एवं स्काच बनाने के रा मटेरियल से लेकर फिनिश प्रोडक्ट तक की संपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया की जानकारी को प्राप्त कर कंपनी में बनी स्काॅच के शाट (सबसे छोटे पैग) का आनंद लिया। इस कंपनी में स्काच बनाने की प्रक्रिया देखते ही बनती है और स्काच को बनाकर स्टाक को रखा जाता है। जितनी पुरानी स्काच उतनी ज्यादा उत्तम और महंगी भी! सचमुच जीवन में कुछ नया सीखने को मिला था। हमारे यहां बीयर या वाइन की डिस्लरी जहां होती है उस एक–दो किलोमीटर के परिसर में अल्कोहल की बदबू से स्थानीय निवासी परेशान रहते है परंतु यहां ऐसा कुछ भी नहीं था और कंपनी की सफाई तारिफे काबिल थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि हम सभी किसी शानदार रिसोर्ट में भ्रमण कर स्काच का आनंद ले रहे है। पश्चात एक घंटे की यात्रा कर हम सभी एडिनबर्ग शहर के सिटी सेंटर पहुँच गये। यही एक भारतीय रेस्तरां ‘मिस्टर बसरायस् वर्ल्ड कुसिन’ में हमने मध्याह्न का भोजन किया। इस रेस्तरां की यह खासियत थी की सभी प्रकार के भोजन का बुफे लगा हुआ था। इतनी वैरायटी और इतना अलग–अलग प्रकार का भोजन तो भारत के किसी रेस्तरां में भी नही परोसा जाता है। अधिक जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि यह रेस्तरां भारतीय मूल के निवासी सरदार रणबीर सिंह जी बसराय का है जो सुबा पंजाब के मूल निवासी है और ऐसे तीन और आलीशान रेस्तरां उनके विभिन्न शहरों में है। यह एडिनबर्ग शहर स्काटलैंड की राजधानी है। शिक्षा के लिये प्रसिद्ध इस शहर का अत्यंत ऐतिहासिक महत्व भी है। आज इस शहर में बहुत ज्यादा यात्री भ्रमण करने आये हुये है। जब हम एडिनबर्ग कैसल (किला) देखने पहुँचे तो जैसे मेला लगा हुआ था। पर सभी कुछ अनुशासित था। हमारी स्थानीय गाईड ने हमारे कैसल में प्रवेश की टिकट पहले से ही खरीद कर रखी थी इसलिये हमें किले में तुरंत प्रवेश मिल गया। सुंदर और ऐतिहासिक किले की खूबसूरती स्वयं अपना मनोहारी इतिहास बयां कर रही थी। जमकर हम सभी ने फोटोग्राफी की एवम किले में स्थित नेशनल वार मेमोरियल का भी भ्रमण किया। सभी कुछ अत्यंत आकर्षक था। हमारी गाईड ने इस किले संबंधित सभी इतिहास की विस्तार से हमें जानकारी प्रदान की एवं ठीक चार बजे अपनी वापसी की यात्रा पर ग्लास्गो शहर के लिये चल पडे़। पिछले 7 दिनों से हम लगातार रोड़ से 250 से 300 किलोमीटर तक की यात्रा कर रहे है परंतु इन हायवे पर कोई भी वाहन चालक हार्न नही बजाता है और ना ही हमने हार्न की आवाज को सुना है। इन हायवे या शहर की सड़कों पर कहीं भी – कोई भी स्पीड ब्रेकर नही है। कही भी ट्रैफिक जाम नही है। सभी कुछ शांती से चल रहा है। कोई भाग दौड़ नही हैं। सुकुन की इस जीवन शैली को सैल्युट!
आज हम रात 7 बजे तक ग्लासगो पहुँचेंगे और फिर रात्रि भोज के पश्चात जल्दी सोकर जल्दी उठना है. . .
आज हम सभी (28/10/2022 ई.) को ग्लासगो शहर से लेक डस्ट्रीक्ट की और जाने के लिये सुबह ठीक 8 बजे यात्रा को प्रारंभ किया। आज हम स्काटलैंड से इंग्लैंड की सीमा में प्रवेश करेंगें। लेक डिस्ट्रिक्ट नामक इस स्थान को युनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज साइट में शामिल किया गया है। यह संपूर्ण इलाका अपने जंगल, पहाड़ों और झीलों के लिये विश्वप्रसिद्ध है। यह स्थान महान कवि विलियम वर्डसवर्थ से भी संबंधित है, करीब 2.30 घंटे की यात्रा के पश्चात हम सभी वींडरमेरे नामक शहर में पहुँच गये। झील के किनारे बसा यह शहर अत्यंत खूबसूरत है। चारों और आच्छादित जंगल और पहाड़ों ने इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगा दिये है। हमारी बस ने हमें इस झील के Ambleside किनारे पर उतार दिया। स्थानीय गाईड ने हमारी अगली क्रुज़ यात्रा की टिकट खरीद कर रखी थी। करीब डेढ़ घंटे तक यार्क शायर नेशनल पार्क में झील पर यात्रा कर झील के amble side किनारे से दुसरे किनारे Boweness side पर पहुँच थे। सचमुच इस क्रुज़ के खुले डैक पर की गई यह यात्रा जीवन में स्मरणीय रहेगी। आज मध्याह्न का भोजन इस स्थान पर बंग्लादेशीयों द्वारा संचालित होटल लेक राज में तुरंत किया। रेस्तरां वालों ने इतनी अच्छी तैयारी की थी की केवल 20 मिनट में हम सभी भोजन का आनंद लेकर और प्रसाधन का उपयोग कर अपनी बस में पहुँच गये और हमारी अगली यात्रा तुरंत प्रारंभ हो गई। लगभग दो घंटे की यात्रा के पश्चात हम योर्क शहर के पार्किंग में पहुँच गये। जहां हमारी टूर गाईड ‘रिकी’ पहले से ही हमारा इंतजार कर रही थी। पुरे शहर में हमने 50 मिनटों में अपनी पैदल यात्रा को पूर्ण किया। भूत प्रेत के किस्सों कहानियों और उससे संबंधित यह शहर अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इस स्थान पर हैरी पोर्टर फेम एक प्रसिद्धि स्ट्रीट है, जो कि पर्यटकों का खास आकर्षण का केन्द्र है और भी कई ऐतिहासिक वास्तु उत्तम स्थिति में मौजूद हैं। इंग्लैंड का दुसरा सबसे बड़ा चर्च भी यहां पर सुशोभित है जिसका मेंटेनेंस का खर्च प्रतिदिन का 22 हजार पाउंड हैं। इस शहर में 31 अक्टूबर को आने वाले विशेष त्यौहार को हैलोवीन को मनाने हेतु दुनिया भर के पर्यटकों का यहाँ जमावड़ा लग रहा है। हेलोवीन त्यौहार का इतिहास अत्यंत रोचक है, अधिक जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि–
हैलोवीन पश्चिमी देशों में मनाया जाने वाले खास त्योहार है। इसका खुमार कई देशों पर चढ़ने लगा है। हर साल 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस त्यौहार की लोग दुनियाभर में तैयारियों में जुटे हुए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, मेक्सिको समेत कई देशों में लोग कई तरह के मेकअप व ड्रेस के साथ ‘भूत–प्रेत’ बनते हैं। यह दिन बच्चों के लिए पड़ोसीयों से चॉकलेट्स लेने का दिन है, वहीं बड़ों के लिए यह दिन पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना करने का है। हैलोवीन दिवस को आल हेलोस इवनिंग, आल हैलोवीन, आल होलोस ईव और आल सैंट्स ईव भी कहा जाता है। यह दिन सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है। इसलिए सेल्टिक लोगों के बीच यह नए वर्ष की शुरूआत के रूप में मनाया जाता है। इस संपूर्ण इलाके के लोग हेलोवीन मनाने हेतु अति उत्साही दिखलाई पड़ते है। जल्द से जल्द हमने हमारा योर्क सिटी का पैदल टूर संपन्न किया और अगले पड़ाव मैनचेस्टर के लिये चल पडे़, मैनचेस्टर की यात्रा लगभग 3 घंटों की है। होटेल में चेक इन होने के पहले हमें अपने रात्री भोजन का पैकेट मैनचेस्टर के एक इंडियन होटेल से लेना है और कल की यात्रा की तैयारी करनी है कारण कल शाम को हमारे टूर की यात्रा समाप्त हो जायेगी। मैं अभी परिवार के साथ लंदन में कुछ दिनों तक रहकर पुनः वापस आउंगा।
हमारे इस टूर के दौरान हम सभी कल (28/10/22 ई.) देर रात को मैनचेस्टर के होटल मैरियट में चेक इन हुए, पूरे दिन कड़ाके की ठंड में सबसे लंबा सफर कर हम मैनचेस्टर पहुंचे थे। आज (29/10/22 ई.) को हम प्रतिदिन की तरह अपने लगेज के साथ बस में बैठ गए और बस में ही एक छोटा सा आभार प्रदर्शन और वाद का कार्यक्रम संपन्न हुआ। हम सभी पर्यटकों ने कुछ पाउंड एकत्र कर उपहार स्वरूप में हमारे बस के कोच कैप्टन (ड्रायव्हर नहीं) को दिये एवं ठीक 9.30 को मैनचेस्टर यूनाइटेड स्टेडियम पहुँच गये। इंग्लैंड के इन फुटबॉल स्टेडियमों का अपना अभूतपूर्व इतिहास होता है। हमारे गाइड रब्बुल ने हमें जानकारी देते हुए बताया कि अति भव्यदिव्य इस स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता 74 हजार है और मैच के एक टिकट की कीमत 45 से 50 पाउंड (4500 से 5000 रुपये लगभग) होती है। अधिकतम टिकट का दर 96 हजार पाउंड है जो कि बॉक्स ऑफिस की एक पुरे सीजन की टिकट है। स्टेडियम की सभी सूक्ष्म जानकारी हमें हमारे गाईड ने विस्तार से प्रदान की और संपूर्ण स्टेडियम को हमने अच्छे से भ्रमण कर देखा। इस स्टेडियम में आज मुझे मैनचेस्टर युनाईटेड क्लब ने विशेष सम्मान प्रदान कर टीम के मैनेजर के रूप में सम्मानित करते हुये प्रेस कान्फ्रेंस रुम में स्थानापन्न कर विशेष रूप से फोटो निकला और क्लब ने मुझे मेरे नाम से सर्टीफिकेट भी प्रदान किया। पश्चात हम इस शहर में सुशोभित भव्य नैशनल फुटबाल म्युजियम में पहुँच गये। अद्भुत नजारा था इस म्युज़ियम का! अच्छी तरह से विजिट करने के पश्चात हम सभी लोग रास्ते में अपना मध्याह्न का भोजन कर हीथ्रो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की और चल पडे़। हम लंदन में कुछ दिन रुकने वाले है और लंदन शहर का पर्यटन कर पुनः 2 नवंबर को पुणे वापसी होगी।
शेष अगले भाग में . . . . .