शहीदी मार्ग यात्रा : गुरु स्मृति का ऐतिहासिक पुनरावलोकन

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शहीदी मार्ग यात्रा : गुरु स्मृति का ऐतिहासिक पुनरावलोकन

(चढ़दी कला टाइम टीवी एवं टीम खोज-विचार का संयुक्त आयोजन)

वाहिगुरु जी का खालसा, वाहिगुरु जी की फतेह!

अकाल पुरख की अपार कृपा और अरदास के उपरांत, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित शहीदी मार्ग यात्रा का शुभारंभ अत्यंत श्रद्धा और भावनाओं के साथ चढ़दी कला टाइम टीवी के कार्यालय से प्रारंभ किया गया।
यह पावन यात्रा चढ़दी कला टाइम टीवी के सौजन्य से तथा प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. भगवान सिंह ‘खोजी’ (टीम खोज-विचार) के मार्गदर्शन में प्रारंभ हुई।

इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य संगत को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी से संबंधित पावन-पवित्र गुरु धामों के दर्शन कराना और उन भूले-बिसरे स्थानों को पुनः जन-जन तक पहुँचाना है, जहाँ गुरु साहिब के चरण पड़े और जिनसे मानवता का अमर संदेश प्रस्फुटित हुआ।

इतिहास की पदचिह्नों पर यात्रा

टीम खोज-विचार के मार्गदर्शक डॉ. भगवान सिंह ‘खोजी’ ने बताया कि यह यात्रा श्री आनंदपुर साहिब से प्रारंभ होकर दिल्ली के चांदनी चौक तक जाएगी, यह वो ही पावन मार्ग है, जहाँ से 11 जुलाई 1675 ईस्वी को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी शहीदी यात्रा पर चले थे और 11 नवंबर 1675 ईस्वी को चांदनी चौक में शहीदी प्राप्त की थी। डॉ. भगवान सिंह ‘खोजी’ जी ने कहा कि- “यह यात्रा केवल ऐतिहासिक स्मरण नहीं अपितु 124 दिनों की उस आत्मिक यात्रा का पुनरावर्तन है, जिसने मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च शहादत दी।” उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा के दौरान टीम खोज-विचार भूले-बिसरे गुरु धामों की खोज करेगी और उन्हें वीडियो क्लिप एवं शोध आलेखों के माध्यम से संगत के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इस प्रयास का उद्देश्य है हमारी महान विरासत को पुनर्जीवित करना और यह चेतना जगाना कि इन ऐतिहासिक स्थलों की सेवा, संरक्षण और पुनर्निर्माण हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।

शुभकामनाएँ और प्रेरणाएँ

इस अवसर पर चढ़दी कला टाइम टीवी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. जगजीत सिंह ‘दर्दी’ ने शुभकामनाएँ देते हुए कहा- “डॉ. भगवान सिंह ‘खोजी’ जी द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्य हमारी ऐतिहासिक चेतना को पुनः प्रज्वलित करेंगे। संगत को इन स्थानों से जोड़ना, वास्तव में गुरु साहिब के उपदेशों की जीवंत साधना है।”

टीवी समूह के संचालक सरदार हरजीत सिंह जी ने संगत से निवेदन किया- “यह यात्रा केवल इतिहास का पुनर्पाठ नहीं अपितु आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है। तकनीकी और प्रसारण व्यवस्थाओं में जो व्यय हैं, वे संगत के प्रेम और सहयोग से ही पूर्ण होंगे।”

टीम खोज-विचार का संकल्प

इस अवसर पर टीम खोज-विचार के सदस्य डॉ. रणजीत सिंह ‘अर्श’गुरमीत कौर खालसागुरदास सिंहविशाल सिंह एवं अन्य सिख विद्वान उपस्थित थे। अपने वक्तव्य में डॉ. रणजीत सिंह ‘अर्श’ ने कहा- “यह सम्पूर्ण यात्रा और शोध सामग्री हमारी टीम खोज-विचार के ब्लॉग arsh.blog पर हिंदी, अंग्रेजी और गुरुमुखी- तीनों भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी। गुरु साहिब की कृपा से यह सेवा हमारी टीम को मिली है, सारी संगत मिलकर हमारी टीम के लिए अरदास करें कि यह सेवा जो हमारी टीम से प्रारंभ हुई है, वह निर्विघ्न रूप से हम पूर्ण कर सकें। 

यह सम्पूर्ण शहीदी यात्रा मार्ग चढ़दी कला टाइम टीवी पर प्रसारित होगा तथा साथ ही टीम खोज-विचार के ब्लॉग arsh.blog एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी उपलब्ध रहेगा।

वाहिगुरु जी का खालसा, वाहिगुरु जी की फतेह!


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