भावपूर्ण श्रद्धांजलि: सदी के महानायक धर्मेंद्र जी की मधुर स्मृति में-
भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम अध्याय का आज एक उजला पृष्ठ मौन हो गया। फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र- कला, सरलता, संवेदनशीलता और मानवीय गरिमा का अद्वितीय संगम, अब हमारे बीच नहीं रहे। यह समाचार केवल एक अभिनेता के निधन का नहीं अपितु करोड़ों दिलों में बसे उस आत्मीय व्यक्तित्व की विदाई का है जिसने अपने अभिनय से नहीं, अपने आचरण से लोगों को जीत लिया।
पुणे में एक पारिवारिक कार्यक्रम के अंतर्गत मुझे उनके साथ कुछ समय बैठने, उनके स्नेह की ऊष्मा महसूस करने और उनकी सरल हंसी, चटपटे चुटकुले, अनेक अनोखे किस्से और शेरोशायरी सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
उनका वह सहज व्यवहार, वह अपनापन, वह बिना किसी आडंबर की पवित्र विनम्रता, आज स्मृतियों के रूप में भावनाओं के साथ मन में उतर रही है।
धर्मेंद्र जी केवल परदे पर ही महानायक नहीं थे, वे उन दुर्लभ कलाकारों में से एक थे जिनकी उपस्थिति से वातावरण में प्रेम, आदर और शालीनता की एक अनकही भाषा फैल जाती थी।उनकी आँखों में पंजाब की मिट्टी की महक, एक किसान का स्वाभिमान और एक सिख योद्धा जैसी निर्भीक सच्चाई झलकती थी।
देश-दुनिया उन्हें ‘ही -मैन’ कहती रही, पर जिसने उन्हें पास से देखा, वह जानता है कि असली शक्ति उनके हृदय में थी, एक निर्मल, सौम्य, मनुष्यता से भरे दिल में।
आज जब वह महान आत्मा अपने पार्थिव शरीर को त्यागकर वाहिगुरू की शरण में विलीन हो गई है, हम सबके हृदय में एक खालीपन, एक टीस और एक लंबी गूँज रह गई है।
उनकी मुस्कान, उनके संवाद, उनका आत्मीय स्पर्श, सब मानो जीवन के आकाश में एक सितारे की तरह सदैव चमकते रहेंगे।
अकाल पुरख वाहिगुरू के चरणों में अरदास है कि- इस विराट कलाकार, इस महान इंसान की आत्मा को अपने चरणों में सर्वोत्तम शांति प्रदान करें।उनके परिवार, प्रशंसकों और करोड़ों चाहने वालों को धैर्य संबल प्रदान करें।
धर्मेंद्र जी, आप केवल फिल्म जगत की धरोहर नहीं थे, आप हम भारतीयता की आत्मा थे।
आपकी यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती- आपकी महानता और अभिनय आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
सादर नमन।
✍️ डॉक्टर रणजीत सिंह ‘अर्श ‘ (24/11/25).

