अल्प परिचय: हास्याचार्य पंडित ओम् व्यास ओम्

Spread the love

भूतभावन बाबा महाकाल की नगरी उज्जयिनी में मालवा की माटी के लाल ‘हास्य आचार्य’ पंडित ओम् व्यास ओम् का जन्म 25 जून सन् 1961 ई. में हुआ था। आप जी ने हिंदी माध्यम से ही अपने विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन शिक्षाओं को पूर्ण किया था। आप जी ने एम. काम. एल.एल.बी. तक अपनी शिक्षा ग्रहण कर भारत संचार निगम लिमिटेड उज्जैन (मध्य प्रदेश) में सेवारत रहकर हिंदी साहित्य के माध्यम से हास्य व्यंग की अनेक रचनाएं सर्जित कर स्वयं को विश्व विख्यात कवि के रूप में स्थापित किया था। काव्य जगत के हिंदी साहित्य के सभी महान कवि आप जी को ‘हास्य आचार्य’ के नाम से संबोधित कर अपना स्नेह प्रदर्शित करते थे। सरल और स्वच्छ मन के कवि पंडित ओम् व्यास ओम् राजनीति पर कविता करना अर्थात समय बर्बाद करना मानते थे। हमेशा अपने आसपास के परिवेश का गहराई से निरीक्षण कर बातों ही बातों में तुरंत तात्कालिक परिवेश पर कविता की सर्जना करना उनके बहुमुखी व्यक्तित्व का परिचय देती है।

इस विशेषांक में प्रकाशित कविता ‘मां कभी नहीं मरती’ को आप जी ने अपने पुणे प्रवास के दौरान मेरे समक्ष मात्र 8 से 10 मिनट में लिख दी थी। जिस कागज पर आपने अपनी इस कविता को लिखा था उसे इस विशेषांक में ठीक उसी तरह से प्रकाशित किया जा रहा है। मेरे बाल सखा पंडित ओम् व्यास ओम् को हिंदी साहित्य के कई पुरस्कारों से नवाजा गया था।

लखनऊ में आयोजित सहारा श्री के कवि सम्मेलन में आपके द्वारा पढ़ी गई मां और पिता की कविता को सुनकर सदी के महानायक महान कलाकार अमिताभ बच्चन जी ने दिल खोलकर कर परिवार सहित दाद थी और इस कार्यक्रम की वीडियो क्लिप हम अक्सर व्हाट्स एप पर देखते रहते हैं। आप जी के द्वारा रचित कविता ‘मां’ ‘पिता’ और ‘मां कभी भी नहीं मरती हैं को इस विशेषांक में विशेष रूप से प्रकाशित किया जा रहा है। आप जी की मां पर लिखी हुई कविता को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने विद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल कर आपको अभूतपूर्व सम्मान प्रदान किया है। मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि ऐसे मेरे बाल सखा पंडित ओम् व्यास ओम् का सानिध्य मुझे कई वर्षों तक प्राप्त हुआ है। हम उज्जैन वाले अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं कि हमारी मालवा की मां की माटी ने एक ऐसे महान कवि, व्यंग्यकार को जन्म दिया जिसने अपनी रचनाओं से उज्जैन शहर का नाम विश्व विख्यात कर दिया था। 

आज से 12 वर्ष पूर्व जब विदिशा (मध्य प्रदेश) के कवि सम्मेलन में अपनी रचनाएं के द्वारा रचित कविता ‘मां’ प्रस्तुत कर आप जी पुनः प्रवास कर रहे थे तो आप भी एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आप जी के साथ इस मां पर लिखी हुई कविता दुर्घटना में देश के और तीन जाने-माने कवियों का स्वर्गवास हो गया था। भारत सरकार ने ल कर आपको अभूतपूर्व आप जी को बचाने के भरसक प्रयास किए थे। है। मैं अपने आप को विशेष विमान से आपको भोपाल से दिल्ली एम्स हूं कि ऐसे मेरे बाल सखा में दाखिल किया गया था परंतु नीति को कुछ ओम् का सानिध्य मुझे कई और ही मंजूर था। पंडित ओम् व्यास ओम् हमेशा हमारे दिलों में बसे रहेंगे।

आपकी उत्कृष्ट रचनाएं और व्यंगों ने आपको अमर कर दिया है। ऐसे देश के महान कवि पंडित ओम् व्यास ओम् की रचित रचनाएं पुणे के प्रसिद्ध हिंदी अखबार ‘भारत डायरी’ के रजत जयंती विशेषांक में प्रकाशित की जा रही है। इसके लिए ‘भारत डायरी’ के संपादक मंडल को साधुवाद! 

000

 महाराष्ट्र दिवस पर विशेष

KHOJ VICHAR YOUTUBE CHANNEL


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *